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मीरगंज की सेक्सवर्कर नारी निकेतन में ही रहेंगी, याचिका खारिज

कोर्ट ने नारी निकेतन में रखने के आदेश के खिलाफ दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को पोषणीय नहीं माना है।

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Varanasi Uttar Pradesh

Jun 16, 2016

Hummer

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इलाहाबाद. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सक्षम प्राधिकारी के आदेश से रेेड लाइट एरिया से पकड़ी गयी लड़कियों की नारी निकेतन आगरा में रखने के आदेश को सही माना है। कोर्ट ने नारी निकेतन में रखने के आदेश के खिलाफ दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को पोषणीय नहीं माना है। फिलहाल कोर्ट ने याचीगण को एक साल तक नारी निकेतन में लड़कियों के रखने के खिलाफ सत्र न्यायालय में अपील दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने नाबालिग लड़कियों को उनके पिता के संरक्षण में देने से इंकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने रवीना व कई अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं पर दिया है। मालूम हो कि रेड लाइट एरिया मीरगंज इलाहाबाद में छापा डालकर पुलिस ने भारी संख्या में सेक्स वर्कराें को उनके बच्चों के साथ पकड़ा था। मजिस्ट्रेट के आदेश पर इन्हें नारी निकेतन में रखा गया है।

इस आदेश के खिलाफ सत्र न्यायाधीश के समक्ष अपील का नियम है किन्तु नारी निकेतन में रखने के आदेश को अवैध मानते हुए हाईकोर्ट में अवैध निरुद्धि का आरोप लगाते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गयी थी। कोर्ट ने वैधानिक आदेश के खिलाफ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को पोषणीय नहीं मानते हुए याचिका खारिज कर दी।

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