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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएसी कांस्टेबल नियुक्ति मामले में राज्य सरकार से मांगा जवाब

याचिका के अनुसार जानकारी दी गई कि याची का पीएसी कांस्टेबल पद पर चयन हुआ और परीक्षण के लिए भेजा गया था। इसके बाद प्रशिक्षण पूरा होने के बाद 31 जुलाई 2020 को तैनात किया गया। इसके बाद वह नौ दिसंबर 2021 को उसने इस्तीफा दे दिया। कमांडेंट पीएसी मेरठ ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। उलटे प्रशिक्षण खर्च व वेतन की वसूली का आदेश जारी कर दिया।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएसी कांस्टेबल नियुक्ति मामले में राज्य सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएसी कांस्टेबल नियुक्ति मामले में राज्य सरकार से मांगा जवाब

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएसी कांस्टेबल नियुक्ति मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। पीएसी कांस्टेबल से नियुक्ति के डेढ़ वर्ष के भीतर इस्तीफा देने पर कमांडेंट द्वारा प्रशिक्षण खर्च व मिले वेतन की वसूली आदेश के तहत उत्पीडऩात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई 25 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने मेरठ पीएसी कांस्टेबल कमल प्रकाश की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता ऋतेश श्रीवास्तव ने बहस की।

याचिका के अनुसार जानकारी दी गई कि याची का पीएसी कांस्टेबल पद पर चयन हुआ और परीक्षण के लिए भेजा गया था। इसके बाद प्रशिक्षण पूरा होने के बाद 31 जुलाई 2020 को तैनात किया गया। इसके बाद वह नौ दिसंबर 2021 को उसने इस्तीफा दे दिया। कमांडेंट पीएसी मेरठ ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। उलटे प्रशिक्षण खर्च व वेतन की वसूली का आदेश जारी कर दिया।

याची का कहना है कि नियमानुसार नियुक्ति के एक वर्ष के भीतर इस्तीफा देने पर वेतन व खर्च वसूली की जाएगी, लेकिन याची ने एक वर्ष बीतने के बाद इस्तीफा दिया है। इसलिए वसूली अवैध है। मामले में सुनवाई करते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।

यह भी पढ़ें: बाहुबली मुख्तार अंसारी के बाद ईडी के निशाने पर भाई सिगबतुल्लाह अंसारी, लगातार 8 घंटे तक अफसरों ने दागे सवाल
बाहुबली मुख्तार अंसारी से सिगबतुल्लाह अंसारी बड़े हैं। इसके अलावा वह गाजीपुर जनपद की मुहम्मदाबाद सीट से विधायक भी रह चूंके हैं। इस बार मुख्तार पर दर्ज मनी लांड्रिंग के केस की जांच में जुटे ईडी अफसरों ने मंगलवार को उसे सिविल लाइंस स्थित दफ्तर में तलब किया। उनको करीब सुबह 10:30 बजे के करीब सिगबतुल्लाह अपने अधिवक्ताओं के संग ईडी दफ्तर पहुंचा। जिसके बाद उससे पूछताछ शुरू हुई।