
उत्तर प्रदेश का इलाहाबाद शहर जिसे अब प्रयागराज के नाम से जानते हैं। जो गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर बसा है। इलाहाबाद लगभग सभी धर्मों के लोगों को खुद में समेटे हुए है। यहां हनुमान मंदिर से लेकर अक्षय वट तक कई मंदिर हैं। खुसरो बाग जैसा सुंदर मकबरा हैं। कर्जन ब्रिज, नैनी पुल, इलाहाबाद किला, जैसे पर्यटक स्थल हैं। आज हम इस लेख में आपको बताएंगे कि एक दिन में आप कैसे घूम सकते हैं पूरा प्रयागराज।
इन स्टेप्स को फॉलो कर के एक दिन में आप घूम सकते हैं पूरा प्रयागराज।
अपने सफर को खूबसूरत बनाएं
एक गाना है, सफर खूबसूरत है मंजिल से भी, इस गाना को फॉलो करते हुए अपने पास खाने पीने की चीजों और म्यूजिक के साथ अपने शहर से ऐसी ट्रेन पकड़ें जो भोर में आपको प्रयागराज जंक्शन पहुंचा दे। स्टेशन से बाहर आकर आप ऑटो कर लें, स्टेशन से संगम तक ऑटो के 50 रूपये लगते हैं।
संगम: गंगा, यमुना और गुप्त सरस्वती की धारा जहां मिलती है वो स्थान संगम कहलाता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार संगम में नहाने से सभी पाप स्वतः नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा यहां आप नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।
बड़े हनुमान मंदिर: संगम के पास में ही बड़े हनुमान जी का मंदिर है। बड़े हनुमान मंदिर पूरे भारत में ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा है। पुराणों के अनुसार संगम नहाने के बाद अगर हनुमान जी का दर्शन नहीं करेंगे तो आपके दान पुण्य का कोई फल नहीं मिलेगा।
शंकर विमान मंडपम: शंकरविमान मंडपम् के आर्किटेक में दक्षिण भारत का स्वरूप नजर आता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का हर तल आकर्षक है। प्रथम तल में कांचिकामकोटि पीठ की आराध्य कामाक्षी देवी को समर्पित है। द्वितीय तल में भगवान विष्णु का बाला जी स्वरूप पर आधारित है। एक पत्थर में एक हजार शिवलिंग एवं रुद्राक्ष का मंडप बना है।
इलाहाबाद फोर्ट: संगम के किनारे सम्राट अकबर ने किला बनवाया है जिसे इलाहाबाद फोर्ट के नाम से जानते हैं। वैसे ये किला इंडियन आर्मी के अंडर है लेकिन इसका पिछला भाग दर्शकों के लिए खुला हुआ है। अक्षय वट, इलाहबाद किला में ही है।
चंदशेखर आजाद पार्क: आजाद पार्क में चंद्रशेखर आज़ाद की मूर्ति, विक्टोरिया मेमोरियल, कंपनी गार्डन लाइब्रेरी घूम सकते हैं। यहां सुंदर-सुंदर फोटो ले लीजिये इंस्टाग्राम पर अपलोड करिये ।
पंडित जी की चाट: घूमते घूमते बहुत भूख लग जाती है, तो आजाद पार्क के सामने ही पंडित जी की चाट की दुकान है। वहां बहुत टेस्टी चाट, पानीपुरी और दही बड़ा मिलता है। अगर आप रसगुल्ले से शौकीन हो तो आप यहां के देहाती रसगुल्ले जरूर खाएं।
यमुना ब्रिज: यमुना ब्रिज घूमने के लिए दो टाइमिंग सबसे अच्छा है।
सूरज उगने से पहले: अगर आपको सूर्योदय देखना अच्छा लगता है तो नैनी ब्रिज पर खड़े होकर सूर्योदय देखिए, जब यमुना के धाराओं में सूरज की किरणें दिखती है तो वो दृश्य इतना मनमोहक होता है कि आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। अगर आप कभी प्रयागराज जाये तो इस दृश्य को जरूर देखें।
रात के समय: सूरज डूबने के बाद यमुना ब्रिज को एक नया रंग मिल जाता है। ब्रिज अलग अलग रंगों में खिल जाता है।
मनकामेश्वर मंदिर: यमुना पुल के निचे ही मनकामेश्वर मंदिर है। यहां शंकर जी अपने विभिन्न रूपों में विराजमान हैं। मान्यता है कि यहां दर्शन-पूजन, जलाभिषेक करने से श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है। इस मंदिर का पुराणों में भी उल्लेख मिलता है। साल भर यहां पर शिव के दर्शन-पूजन को श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।
लार्ड कर्जन ब्रीज: ये ब्रिज लगभग सभी ने देखी होगी, लेकिन आपको याद नहीं होगा मैं याद दिलाती हूं, आपने ये गाना तो जरूर सुना होगा, “तू बन जा गली बनारस की” इस गाने की शूटिंग वहीं हुई है। आप भी जाइये और ब्रिज से नदी देखिये और खूब फोटो लीजिये।
खुसरो बाग: खुसरोबाग एक विशाल ऐतिहासिक बाग है, जहां जहांगीर के बेटे खुसरो और सुल्तान बेगम के मकबरे स्थित हैं। चारदीवारी के भीतर इस खूबसूरत बाग में बलुई पत्थरों से बने तीन मक़बरें मुग़ल वास्तुकला के बेहतरीन उदहारण हैं।
खुसरो बाग प्रयागराज स्टेशन के सामने है तो बाग घूमने के बाद स्टेशन पर बैठ के अपने मोबाइल के गैलरी को देखते हुए अपने
(यह खबर श्रेया पांडेय ने लिखी है। श्रेया पत्रिका यूपी डिजिटल के साथ इंटर्नशिप कर रही हैं)
Published on:
08 Jun 2023 09:40 pm
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