6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्रयागराज में बाहुबली अतीक अहमद का वर्चस्व कायम, माफिया के गुर्गे ने कब्जाई करोड़ों की जमीन, मुकदमा दर्ज

गयासुद्दीनपुर निवासी पीड़ित सुमन देवी का आरोप है कि आरोपियों ने उसकी करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन कब्जा ली और उस पर अवैध प्लाटिंंग भी कर दी। इसके साथ ही बोलने पर गालीगलौज व जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं। महिला ने जानकारी दी है कि उसके पति का मौत हो चुकी है। पीपलगांव में उसकी 2850 वर्ग मीटर पैतृक जमीन है।

2 min read
Google source verification
प्रयागराज में बाहुबली अतीक अहमद का वर्चस्व  कायम, माफिया के गुर्गे ने कब्जाई करोड़ों की जमीन, मुकदमा दर्ज

प्रयागराज में बाहुबली अतीक अहमद का वर्चस्व कायम, माफिया के गुर्गे ने कब्जाई करोड़ों की जमीन, मुकदमा दर्ज

प्रयागराज: बाहुबली अतीक अहमद गुजरात के साबरमती जेल में बंद होने के बावजूद उनके गुर्गों का वर्चस्व कायम है। ताजा मामला प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र का है जहां पर माफिया के गुर्गे ने करोड़ों की जमीन कब्जाई है। मामले में धूमनगंज थाना में अतीक अहमद के गुर्गे मो. मुस्लिम पर करोड़ों की जमीन कब्जाने के मामले में एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके साथ दो अन्य के नाम केस दर्ज किया गया है।

गयासुद्दीनपुर निवासी पीड़ित सुमन देवी का आरोप है कि आरोपियों ने उसकी करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन कब्जा ली और उस पर अवैध प्लाटिंंग भी कर दी। इसके साथ ही बोलने पर गालीगलौज व जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं। महिला ने जानकारी दी है कि उसके पति का मौत हो चुकी है। पीपलगांव में उसकी 2850 वर्ग मीटर पैतृक जमीन है। आरोप है कि एहतेशाम हुसैन निवासी दारागंज फर्जी एग्रीमेंट बनाकर उसकी जमीन को हड़पना चाहता है। इसके साथ ही फर्जी कागज तैयार कराकर पूरी जमीन पर कब्जा करके अबैध प्लाटिंग कर दिया है। महिला ने बताया कि पति द्वारा किसी भी तरह से लिखापढ़ी नहीं की है।

जब पीड़िता ने मामले की शिकायत एसएसपी से की तो अधिकारी के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया। मामले में एससी एसटी एक्ट के साथ ही धोखाधड़ी, जालसाजी की भी धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस का कहना है कि जांच की जा रही है।

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- अल्पसंख्यक संस्थानों को कर्मचारियों की नियुक्ति का है विशेषाधिकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में आदेश देते हुए कहा कि सरकारी वित्तीय सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 के तहत विशेष अधिकार प्राप्त है। इस अधिकार के तहत वह अपने यहां कर्मचारियों की नियुक्ति कर सकते हैं, उसमें राज्य सरकार की ओर से हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है।