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सदी के महानायक के शहर में लौटेगी सिनेमा घरों की रौनक,कभी रेखा और अमिताभ बच्चन को साथ देखने के लिए उमड़ती थी भीड़

-इन सिनेमा घरों को शुरू करने की अनुमति -कभी मिथुन दादा और जैकीश्राप ने लुभाया था

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 रेखा

अमिताभ बच्चन

प्रयागराज। सिनेमा की बात करें और शहर के पुराने लाजवाब सिनेमा हॉल की तस्वीरें आंखों के सामने ना आए यह हो ही नहीं सकताइस शहर को किसी रिटायर्ड लोगों का शहर कहा है तो किसी ने युवाओं का और यह संयोग है की इस शहर में दोंनो पीढियां सिनेमा की शौक़ीन रही है। क्यों की यह शहर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का जो है। प्रयागराज के सिनेमा प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर है शहर में स्थित तीन सिनेमाघर का स्वरूप बदलेगा ।जल्द ही यहां पर एक बार फिर पहले जैसे रौनक होने की उम्मीद है।

जिन सिनेमा घरों को संवारने के लिए कवायद शुरू हुई है उनमें काजल विश्वामित्र और अवतार शामिल है।कभी ये तीनों सामान्य टिकट दर हुआ करते थे और सबसे ज्यादा भीड़ हुआ करती थी।लेकिन समय के चलते सब की रौनक चली गई थी।लेकिन एक बार फिर इसको हाईटेक सिनेमा हॉल की तरह बनाने की कवायद शुरू हो गई है।जिसके लिए मनोरंजन कर विभाग ने अनुमति दे दी है जल्द ही इन तीनों सिनेमा हॉल में ऊपर सिनेमा चलेगा और नीचे बाजार बनेगा।

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वैसे तो ज्यादातर सिनेमा हालों में ताले लगे है बंद है। एक समय था कि प्रयागराज में 43 से ज्यादा सिनेमा हॉल थे ।जिनमें एक साथ 28 हजार से ज्यादा दर्शक फिल्म देख सकते थे ।अब जिले में पीवीआर को लेकर केवल 12 सिनेमा हॉल बचे है।एक दौर था अमिताभ बच्चन को रेखा के साथ देखने के लिए यूथ के साथ युगल जोडों की बड़ी भीड़ उमड़ा करती थी लेकिन समय के साथ चीजे बदली और सिनेमा में हुए बदलाव ने परिवार को सिनेमा घरों से दूर किया सिनेमा हालों के बंद होने का कारण उसकी इनकम में लगातार कमी आने की रही। हर घर में डिस होना लैपटॉप और इंटरनेट केबल के जरिए लोग घरों में फिल्मों को आसानी से और कम पैसे में देख ले रहे हैं। जिसके चलते लोग अब सिनेमाघरों की तरफ रुख करना कम कर दिए हैं। मगर अब इन सिनेमाघरों को रेनोवेट करके दर्शकों का मिजाज बदलने की कोशिश की जा रही है। इसलिए काजल ,विश्वामित्र अवतार टॉकीज के प्रबंधन में बेहतर तरीके से इन सिनेमाघरों को चलाने का फैसला लिया है।

सिनेमा घर के मालिकों को उम्मीद है की पिक्चर हाल को नए स्वरूप में करने से इनकम बढ़ेगी। दर्शकों का झुकाव एक बार फिर सिनेमा की तरफ होगा ।जहां वह लंच डिनर के साथ शॉपिंग भी कर सकेंगे इसके पहले पैलेस थिएटर पायल झनकार गौतम संगीत और दर्पण को सजाया और संवारा जा चुका है और वहां के प्रबंधकों को इसका फायदा भी मिला है।दरअसल 2003 में जो टैक्स लगभग तीन करोड़ रुपए मनोरंजन कर विभाग को मिलता था वह बढ़कर 15 करोड़ तक पहुंच गया है। दर्शक सुविधा चाहते हैं एयर कंडीशन बेहतर सीटें डिजिटल प्रोडक्ट्स पर और मल्टीप्लेक्स मूवी का चलन बढ़ा है। जिसने सामान्य सिनेमाघरों से लोगों को दूर कर दिया है।मनोरंजन कर अधिकारी अरविंद वर्मा ने बताया कि शहर के लोगों को जल्द ही दिन और बेहतरीन सिनेमाघर में मूवी देखने का अवसर मिलेगा। तीनों सिनेमा करो पूरे डिबेट करने का काम शुरू होने जा रहा है जिन्हें विभागों की ओर से दी गई है।