विश्व हिन्दू परिषद के कार्यक्रम में सीएम योगी ने दिया बड़ा बयान, कहा-सनातन धर्म की तुलना किसी झाडी से नहीं हो सकती
CM Yogi in Prayagraj: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को प्रयागराज दौरे पर विश्व हिन्दू परिषद के कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। यहां सीएम योगी ने बड़ा बयान दिया। आइये बताते हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा ?
CM Yogi Visits in Prayagraj: प्रयागराज दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसके बाद वो विश्व हिन्दू परिषद के कार्यक्रम को सम्बोधित किये। इस अवसर पर उन्होंने एक बार फिर महाकुंभ को एकता का संदेश देने वाला देश और दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन बताया और सनातन धर्म को विराट वट वृक्ष की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म एक विराट वट वृक्ष है। इसकी तुलना किसी झाड़ और झंखाड़ से नहीं होनी चाहिए।
विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित संत सम्मेलन में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “पिछले साल पूरी दुनिया ने देखा, सनातन के हर अनुयायी को लगा कि 500 साल का इंतजार खत्म हुआ और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ। 2016 में 2 लाख 36 हजार श्रद्धालु अयोध्या आए, 2024 में यह संख्या बढ़कर 10-12 करोड़ हो गई। महाकुंभ में आस्था और आधुनिकता एक साथ देखने को मिलती है।”
#WATCH | #MahaKumbhMela2025, Prayagraj | At Sant Sammelan organized by Vishwa Hindu Parishad, UP CM Yogi Adityanath says, "Last year, the entire world has seen, every follower of Sanatan felt that the wait of 500 years ended and a grand Ram Temple was built in Ayodhya. In 2016, 2… pic.twitter.com/HLyrvkJr0S
विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित संत सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संकल्प को साकार करने के लिए धैर्य की आवश्यकता है। अधीरता से कुछ नहीं होगा। सनातन एक विशाल वटवृक्ष है और इसकी तुलना झाड़ियों से नहीं की जा सकती।
#WATCH | #MahaKumbhMela2025, Prayagraj | At Sant Sammelan organized by Vishwa Hindu Parishad, UP CM Yogi Adityanath says, "Patience is needed to make the resolution a reality. Impatience will bring nothing. Sanatan is a huge 'vatvriksh' and it cannot be compared with 'bushes'…" pic.twitter.com/yg17nq0NGs
सीएम ने कहा, भारत से सनातन धर्म की संस्कृति दुनिया के अंदर पहुंची तो वह तलवार के बल पर नहीं, बल्कि अपने सद्भाव के माध्यम से पहुंची। दक्षिण पूर्वी एशिया के तमाम देशों में जहां भी सनातन धर्म पहुंचा है, वहां पर उन्होंने अपने कार्य से, व्यवहार से भारत के मूल्य और आदर्श से वहां के समुदाय को अपनी ओर आकर्षित किया है।
कई देशों ने राम की, कृष्ण की परंपरा को स्वीकार किया
दुनिया के कई देशों ने राम की, कृष्ण की या फिर बुद्ध की परंपरा को स्वीकार किया है और बड़े गौरव के साथ उस परंपरा से जुड़ने के बाद खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं। आप दुनिया के किसी भी देश में जाइए, किसी न किसी रूप में वह भारत के साथ जुड़ते हुए दिखाई देते हैं। एक अंधकार का युग था, जिससे उबर कर हम लोग आगे की ओर बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न तीर्थ स्थलों से आए श्री महंत, आचार्य और योगेश्वर का हृदय से सम्मान किया। उन्होंने जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज, परमात्मानंद महाराज और निर्मलानंद महाराज को शॉल ओढ़ाकर और गोरखनाथ जी की प्रतिमा भेंट कर स्वागत किया। इनके साथ ही सतुआ बाबा, सुदर्शनाचार्य महाराज, स्वामी धीरेंद्र और स्वामी जितेंद्रनाथ का भी सम्मान किया गया। उन्होंने रामानुजाचार्य, श्रीधराचार्य, शेरनाथ महाराज, उमेशनाथ महाराज, कृष्णनाथ महाराज, समुद्रनाथ महाराज, संख्यनाथ महाराज, रामनाथ महाराज, श्री महंत सोमवरनाथ महाराज, और मिथिलेश नाथ महाराज का भी अभिनंदन किया।