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बाढ़ के कहर से फैली महामारी, राजनीति चमकाने में जुटे नेता

बाढ़ से परेशान लोगों के बीच हफ्तेभर बाद पहुंचे पार्षद,  महिलाओं ने जमकर सुनाई खरी खोटी 

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Sarweshwari Mishra

Aug 26, 2016

Flood

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इलाहाबाद. नदियों में जलप्रवाह का उफान थम रहा है। आज शुक्रवार की सुबह तक जलस्तर में प्रतिघंटे डेढ़ सेन्टीमीटर की धीमी रफतार से पानी कम हो रहा है। हालांकि गंगा से तेज गति से यमुना का प्रवाह मे कमी देखी जा रही है। बाढ़ के बाद घटता पानी बाढ प्रभावित क्षे़त्रों में मुसीबत छोड़ के जा रहा है। बाढ़ के पानी में आए कूड़े कचरे और कीचड़ के ढेर ने लोगों को अपने ही घर में जाने रोक रखा हैं आलम यह है कि घरों और कमरों में कीचड़ भरा पड़ा है।




गन्दगी के कराण रोज बिमारी की चपेट में लोग आ रहे हैं। गोविन्दपुर और सलोरी में सैकडों लोग वायरल की चपेट में है। बच्चों के दस्त और उल्टी की बीमारी के चलते अस्पतालों में भीड़ है। लोग सरकारी अस्पतालों के बजाए निजी अस्पतालों जा रहें है। गोविन्दपुर में रहने वालें राजेश पाठक नेेे बताया की बाढ़ से ज्यादा परेशानी पानी के उतरने पर है। लेकिन मुहल्लों में किसी भी तरह के दवाओं का वितरण छिडकाओं नही किया जा रहा है।




जिलाधिकारी हैलीकाप्टर से रोज दौरा कर रहे है और आकड़े लगा रहें है। लेकिन जमिनी हकीकत सें उनकी तरह ही बहुत दूर है। उधर प्रशासन का दावा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन फाॅगिंग और पाउडर का छिड़काव तेजी से करा रहा है। जहाॅ से भी शिकायत आ रही है। वहा टीमें भेजी जा रही है।




शहर में सबसे ज्यादा खराब स्थित छोटा बघाड़ा, सलोरी, शिवकुटी, मेहदौरी, नयागांव,बेलीगांव, राजापुर, गंगानगर, बेली कछार, नेवादा, अशोकनगर, गोविंदपुर,दारागंज, बलुआघाट,करेली गौसनगर की है। जहाॅ निचले इलाकों में दुर्गन्ध व गंदगी का भरमार हो चुका है। लोगों के घरों से दुर्गन्ध आ रही है। नालों का गन्दापानी रूका हुआ है। जिससे संक्राकम रोगों की बड़ी तेजी से फैलने की आशंका है।




राहत कार्य जारी
राजस्व टीमों की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा और यमुना के कछार में सवा सौ से ज्यादा गांव बाढ़ से घिर गए हैं। इन क्षेत्रों घरों के गिरने की स्थिति बन चुकी है। राहत टीमें बढ़ाई गई हैं। उन्हे पानी के सुखने तक राहत शिविरों में ही रहने को कहा जा रहा है। अभी भी हजारों लोग निचले इलाकों में घरों में फंसे हुए हैं।



बाढ़ की चपेट में 202 गांव
बाढ़ की जद में लगभग 202 गांव है। गंगापार क्षेत्र में झिंगहा, बुद्धू का पूरा, मोतीलाला का पूरा, महराजपुर, नरहा, दादनपुर, दानिसपुर, टिटिहरियापुर , पीरदल्लू, सिंघापुर, सुल्तानपुुर, मक्दूमपुर, हुसैनपुर, घीसपुर, आजादपुर, बेलहा, फाफामऊ, गद्दोपुर, मोरहू, महमदपुर, जगदीशपुर पूरे चंदा, पैगम्बरपुर, बाढ़ से पीड़ित लोग फंसे है। व यमुनापार के दर्जनों गांवों में पानी घुस गया है। इसी तरह यमुनापार के मेजा,खीरी, कोरांव, बारा तहसील के कई गांवों में जलभराव हो गया है। तीन सालो के बाद हुई बरसात से किसानो को बेहतर खेती की उम्मीद थी लेकिन पानी के सैलाब नें लाखों बीघे जमीन की खेती को बहा ले गया सही समय पर अगर मदद ना मिली तो अन्नदाता किसान भुखों मर जाएगा ।



चौथे दिन भी मदद जारी
प्रशासन का दावा है की सम्पर्क से कटे ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी इलाके में जिलाधिकारी ने दौरा किया और सेना के हेलीकाॅटर से मदद लोगों को राहत समाग्री वितरित करने के साथ ही क्षेत्र में फंसे लोगों हाल जाना। राहत कार्यों के लिए पीएसी और एनडीआरएफ भी सक्रिय है। सलोरी, दारागंज, संगम क्षेत्र का मुआयना करने के बाद जल भराव वाले इलाके में लोगों तक राहत पहुंचाने का काम जारी है। लेकिन लोगो का कहना है। कि जिस तरह सें गन्दगी और बिमारी फैल रही है अगर सरकारी अमला सक्रिय नही होगा तो इससे भी ज्यादा भयावह हालात होगें।



मदद करने आगे आए शहरवासी
बाढ राहत केन्दों पर रह रहें लोगो की मदद के लिए शहर वासी लोगो को खाने का पैकेट और जरूरत की चीजें मुहइया करा रहे है। बच्चो के लिए दूध के डिब्बे और दवाएं दे रहे है। वही दूसरी ओर क्षेत्रिय नेता अपनी राजनिति चमकाने में लगे है। राहत कार्यों से ज्यादा सोशल मिडिया पर अपनी तस्वीरें पोस्ट करनें में लगें है। चुनावी साल में आयी बाढ ने कई नेताओं के कलई खोल दी है। बाढ़ से परेशान लोगों के बीच हफ्तेभर बाद पहुंचे पार्षदों को महिलाओं ने जमकर खरीखोटी सुनायी यहाॅ तक की उनको वापस जानें के लिए बोल दिया।

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