former up minister, nand gopal gupta, nandi press conference, politics, up politics, up election 2017, election news, up election news in hindi, current hindi news up, allahabad news
इलाहाबाद. उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी ने इलाहाबाद के केपी ग्राउंड में प्रेस कांफ्रेंस कर प्रदेश की राजनीति मे नई हलचल पैदा कर दी है। पूर्व मंत्री और मौजूदा कांग्रस नेता ने राजनीतिक पारी पर बयान देते हुए कहा कि राजनीति में कुछ भी सम्भव है। इसलीए राजनीति कि किसी भी संभावन से इनकार नहीं किया जा सकता।
बता दें कि आठ जनवरी को "आगाज 2017" का भव्य आयोजन को लेकर पूर्व मंत्री प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे। बतादें कि इलाहाबाद के विकास के लिए 8 जनवरी 2017 को 11:00 बजे के० पी० ग्राउंड में श्री नन्द गोपाल गुप्ता ओर से आग़ाज़ 2017" का आयोजन किया जा रहा है। जिस कार्यक्रम में हरियाणा से राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा मुख्य अतिथि होंगे। बतादें कि सुभाष चंद्रा भाजपा के करीबी हैं इसलिये माना जा रहा है कि नंदी के भाजपा में जाने की संभावना ज्यादा है। ऐसे में नंदी जल्द ही पार्टी बदलने का एलान कर सकते हैं और कांगेस को अलविदा कह सकते हैं।
कौन हैं नंद गोपाल नंदी
दो बार विधायक और बसपा सरकार में मंत्री रहे नंदी ने बीते लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी का दामन थामा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़े थे। हालांकि कि नंदी ये चुनाव तो हार गये थे पर पिछले चुनावों में पचास हजार वोटों का आंकड़ा न पार करने वाली कांग्रेस को करीब सवा लाख वोट दिलाए थे। इस समय नंदी की पत्नी अभिलाषा इलाहाबाद की मेयर हैं। जानकारों की मानें तो अगर ऐसा हुआ तो शहर में कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका होगा। बसपा से दो बार विधायक रहे नंदी के जनाधार को देखते हुए भाजपा नंदी पर सुभाष चंद्रा के सहारे दांव खेल सकती है।
व्यापरियों के बड़े नेता हैं नंदी
इलाहाबाद शहर मऔर आस पास के जिलों में व्यापारी वर्ग में नंदी की खासी पकड़ मानी जाती है। कांग्रेस में नंदी के होने से काफी हद तक हर सीट पर भाजपा का ंमूल वोट कहा जाने वाला व्यापारी वर्ग प्रभावित हो रहा है। ऐसे में जानकारों की मानें तो भाजपा हर हाल में नंदी को साथ लाकर व्यापारी वोटरों को खुद से दूर नहीं जाने देने चाहती। बसपा सरकार में मंत्री रहने के दौरान मंदी पर जानलेवा हमला हुआ था जिसके बाद नंदी पूरे देश में चर्चा में आये थे। अब बसपा के बाद अगर यूपी चुनाव से पहले नंदी कांग्रेस को भी अलविदा करते हैं तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा।