
आजम खान के मामलों की सुनवाई करने से जज ने किया इनकार, PC-IANS
प्रयागराज : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक झटका लगा है। जस्टिस समीर जैन ने शुक्रवार को आजम के यतीमखाना केस समेत कुल चार मामलों की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। जस्टिस ने किसी वजह का खुलासा किए बिना सभी पक्षों के वकीलों के सामने यह फैसला सुनाया, जिससे कोर्ट में सन्नाटा छा गया। अब इन मामलों को नई बेंच के पास भेजने का निर्णय चीफ जस्टिस ऑफ हाईकोर्ट इलाहाबाद को करना होगा।
शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में 2016 के रामपुर यतीमखाना मामले की सुनवाई निर्धारित थी। जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच में आजम के चार मामले लंबित थे, जिनकी वे लगातार सुनवाई कर रहे थे। लेकिन सुनवाई शुरू होने से ठीक पहले जस्टिस ने सभी अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं अब आजम खान से जुड़े इन मामलों की सुनवाई नहीं कर पाऊंगा। इसलिए मैं खुद को इन सभी केसों से अलग कर रहा हूं।'
जस्टिस ने अलगाव की कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई, लेकिन उनके इस फैसले ने कोर्ट रूम में मौजूद सभी को हैरान कर दिया। सुनवाई के दौरान सह-आरोपियों की ओर से वरिष्ठ वकील एस.एफ.ए. नकवी और वकील सैयद अहमद फैजान उपस्थित थे। वहीं, आजम खान और सह-आरोपी वीरेंद्र गोयल की ओर से वरिष्ठ वकील एन.आई. जाफरी, शाश्वत आनंद तथा शशांक तिवारी मौजूद रहे।
आजम के वकील शाश्वत आनंद के अनुसार, जस्टिस समीर जैन ने न केवल यतीमखाना मामले से खुद को अलग किया, बल्कि आजम से जुड़े सभी चार लंबित मामलों को अपनी बेंच से रिलीज कर दिया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रायल कोर्ट के अंतिम फैसले पर लगी रोक (स्टे ऑर्डर) अगली सुनवाई की तारीख तक प्रभावी रहेगी। इससे ट्रायल कोर्ट फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं सुना पाएगा।
जस्टिस जैन के फैसले के बाद कोर्ट ने निर्देश जारी किए कि ये मामले अब उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किए जाएंगे। इसके लिए चीफ जस्टिस ऑफ हाईकोर्ट से नामांकन (नॉमिनेशन) प्राप्त किया जाएगा। यानी, अब यह तय करना चीफ जस्टिस का विशेषाधिकार होगा कि आजम के ये संवेदनशील मामले किस बेंच को सौंपे जाएं।
जस्टिस समीर जैन इलाहाबाद हाईकोर्ट के सबसे चर्चित जजों में शुमार हैं। 13 अक्टूबर 2021 को वे एडिशनल जज के रूप में नियुक्त हुए थे।
सपा प्रवक्ता ने कहा, 'यह न्यायपालिका का आंतरिक मामला है, लेकिन आजम के संघर्ष को कमजोर करने की साजिश जारी है।' फिलहाल, चीफ जस्टिस के फैसले का इंतजार है।
Updated on:
21 Nov 2025 08:58 pm
Published on:
21 Nov 2025 08:57 pm
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