
जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने 1 लाख 30 हजार 418 मुकदमों का निस्तारण कर बनाया कीर्तिमान
प्रयागराज। एशिया के सबसे बड़ी हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने मुकदमों के निस्तारण का बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। जस्टिस सुधीर अग्रवाल के रिकॉर्ड के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट के साथ एक और कीर्तिमान जुड़ गया है। 15 साल के कार्यकाल में कुल 1 लाख 30 हजार 418 मुकदमों का निस्तारण करने वाले सुधीर अग्रवाल सबसे बड़े हाईकोर्ट में सबसे ज्यादा फैसले करने वाले जज बन गए हैं।
जस्टिस सुधीर अग्रवाल ऐसा करने वाले इकलौते हाईकोर्ट के जज है। 31 अक्टूबर 2019 तक के उनके इन फैसलों में कई ऐसे चर्चित मामले और निर्णय भी शामिल है। जो अपने आप में एक नजीर ।है मूल रूप से शिकोहाबाद के जस्टिस सुधीर अग्रवाल 5 अक्टूबर 2005 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के अपर न्यायाधीश और 10 अगस्त 2007 को स्थाई न्यायाधीश बने उन्होंने अधिकतर फैसले आम आदमी को राहत प्रदान करने वाले दिए। एक तरफ जहां देश भर में मुकदमों के निस्तारण में देरी को लेकर देश भर में बहस काहल रही है वही जस्टिस अग्रवाल के इन फैसलों को कीर्तिमान माना जा रहा है।
जिला न्यायलय से सुप्रीमकोर्ट तक लाखों मुकदमें अभी पेंडिंग है इसे में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बने इस रिकॉर्ड को देश भर की न्यायपालिका के लिए नजीर बताया जा रहा है।जस्टिस अग्रवाल के चर्चित फैसलें आम लोगों के जीवन से जुड़े रहे है।सरकारी स्कूलों में अफसरों के बच्चो को पढ़ने का फैसला देश भर में जाना गया।
जस्टिस सुधीर अग्रवाल द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण फैसलें
-राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद का 2010 में ऐतिहासिक फैसला
स्वरूपानंद व वासुदेवानंद के बीच ज्योतिष पीठ शंकराचार्य का विवाद
-नौकरशाहों नेताओं को अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने का फैसला
-सरकारी कर्मचारियों को सरकारी अस्पताल में इलाज पर चिकित्सा भत्ता
-अवैध कब्जे वाली नजूल भूमि मुक्त कराकर सरकार को देने का मामला
धरना प्रदर्शन में लोक संपत्ति के नुकसान की वसूली आरोपियों से हो
-जातिगत प्रतिनिधित्व के आधार पर आरक्षण जारी करने का मामला
Published on:
02 Nov 2019 10:11 am
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