
फाइल फोटो-पत्रिका
प्रयागराज के छतनाग वार्ड में स्थित हरिश्चंद्र शोध संस्थान (एचआरआई) के परिसर में दो दिन पहले आधी रात को एक तेंदुआ घुस आया था। शनिवार देर रात उसने अंदर घूम रहे एक कुत्ते पर हमला कर उसे मार डाला। इस घटना से संस्थान के सुरक्षाकर्मी, वैज्ञानिक और शोधार्थी डर में हैं।
रविवार सुबह करीब 10 बजे से तेंदुए की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन अंधेरा होने तक उसका कोई पता नहीं चल सका। तेंदुए को पकड़ने के लिए परिसर में वॉच टावर एक और वॉच टावर नौ के पास पिंजरे लगाए गए हैं वैज्ञानिकों और शोधार्थियों को अपने घरों और हॉस्टल से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। साथ ही, आसपास के लोगों को भी सतर्क रहने को कहा गया है।
प्रयागराज के हनुमानगंज इलाके में पिछले दो महीने से तेंदुए की मौजूदगी बनी हुई है। उसे ककरा, सुदुनीपुर और दुबावल जैसे कई गांवों में कई बार देखा जा चुका है। वन विभाग की टीम लगातार कोशिश कर रही है, लेकिन अब तक तेंदुआ पकड़ में नहीं आया।
इसी बीच, तेंदुआ गंगा किनारे के रास्ते करीब 16 किलोमीटर का सफर तय कर झूंसी के छतनाग इलाके में पहुंच गया। शुक्रवार रात उसे छतनाग के श्मशान घाट के पास देखा गया था। शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे वह हरिश्चंद्र शोध संस्थान के वॉच टावर नंबर एक, तीन और पांच के पास नजर आया, जिससे हड़कंप मच गया।
संस्थान में तैनात सुरक्षाकर्मी हरिमोहन शुक्ला ने बताया कि वह तबीयत खराब होने के बावजूद 12 फीट ऊंचे टावर पर ड्यूटी कर रहा था। तभी उसकी नजर नीचे खड़े तेंदुए पर पड़ी। कुछ देर के लिए वह घबरा गया, फिर तुरंत बाकी सुरक्षाकर्मियों और कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग अगर समय पर सक्रिय होता, तो तेंदुआ अब तक पकड़ा जा सकता था। विभाग की लापरवाही से लोग डरे हुए हैं क्योंकि अब तेंदुआ झूंसी की घनी आबादी वाले इलाकों में भी पहुंच गया है।
Published on:
13 Oct 2025 06:46 pm
बड़ी खबरें
View Allप्रयागराज
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
