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अनोखा सरेंडर… वकील बनकर कोर्ट पहुंचा भाजपा नेता का ‘कातिल’, समझे लव ट्रांयगल का पूरा मामला

Love Triangle Case : यह कहानी है दो दोस्तों की, जो पहले एक दूसरे के संपर्क में आए। 10 सालों से दोस्ती थी, लेकिन फिर दोनों का घर आना-जाना हुआ। एक दोस्त की लग्जरी लाइफ देखकर दूसरे की पत्नी उसकी तरफ आकर्षित हुई फिर...आइए जानते हैं पूरा मामला।

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Love Triangle Case : प्रयागराज में भाजपा नेता रणधीर यादव की हत्या के मुख्य आरोपी डा. उदय यादव ने कोर्ट में नाटकीय ढंग से कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। डा. उदय प्रयागराज कोर्ट में वकीलों के भेष में पहुंचा उसने सफेद शर्ट और काली पैंट पहनी हुई थी। इस दौरान उसने सिर पर एक टोपी भी लगा रखी थी, जिससे कि उसकी पहचान जाहिर न हो।

आरोपी डा. उदय भीड़ से बचते हुए सीधे कोर्ट रूम में पहुंचा और उसने सीधे सरेंडर कर दिया। जज ने उसे 14 दिन के लिए नैनी सेंट्रल जेल में भेज दिया। उदय के सरेंडर की जानकारी मिलते ही कर्नलगंज थाने की पुलिस समेत क्राइम ब्रांच की टीम पहुंची और उसे जेल लेकर गई।

ACP सोरांव वरुण कुमार ने बताया - उदय की रिमांड के लिए पुलिस कोर्ट में अर्जी दाखिल करेगी। रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की जाएगी। हत्याकांड में कई और मददगारों के नाम सामने आए हैं। उदय से उनके बारे में भी पूछताछ की जाएगी।

पहले जानिए कब हुई थी भाजपा नेता रणधीर यादव की हत्या

भाजपा नेता रणधीर यादव की हत्या 22 अगस्त की रात में हुई थी। रणधीर यादव का 22 अगस्त को अपहरण किया गया था और 23 अगस्त को रणधीर यादव की पत्नी जिला पंचायत सदस्य ने अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया था।

24 अगस्त की सुबह चित्रकूट में रणधीर यादव की स्कार्पियों मिली थी। रणधीर यादव की हत्या के बाद हत्यारोपियों ने कार को उसी रात चित्रकूट में छोड़ दिया। 24 से 27 तक चित्रकूट में सर्च ऑपरेशन चलता रहा। 28 को पुलिस ने राम सिंह को पकड़ लिया। सनसनीखेज खुलासा हुआ कि हत्या तो उसी रात करके लाश पूरामुफ्ती में रेलवे ट्रैक पर फेंक दी गई थी। राम सिंह ने पूछताछ में उदय यादव का नाम कबूला था।

अब जानिए लव-अफेयर का मामला

डा. उदय यादव और रणधीर यादव की दोस्ती 10 साल से दोस्ती थी। डॉ. उदय यादव एक प्राइवेट हॉस्पिटल में कंपाउंडर था। उसके चचेरे भाई विजय की सिविल लाइन में मिठाई की दुकान थी। कुल मिलाकर कमाई लिमिटेड थी। लेकिन डा. उदय की पत्नी के शौक लग्जरी के टाइप शौक थे। धीरे-धीरे रणधीर यादव और डा. उदय यादव के बीच घर आना जाना होने लगा। एक दिन उदय के साथ रणधीर उदय के घर पहुंचा। अब एंट्री होती है अंजलि की। अंजलि ने देखा कि रणधीर यादव स्कार्पियो से चलता है। उसकी लग्जरी लाइफ स्टाइल के बारें में पता चला। रणधीर यादव के नेताजी वाले शौक थे। दो कारें हर समय घर पर खड़ी रहती थी। अंजलि को ऐसी ही लाइफ चाहिए थी।

धीरे-धीरे टच में आए रणधीर यादव और अंजलि

अंजलि और रणधीर यादव के बीच धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ती चली गईं और दोनों एक दूसरे से काफी नजदीक आ गए। इन सारी चीजों से अनजान उदय अपनी मिडिल क्लास जरूरतों को पूरा करने में लगा रहा। रणधीर और अंजली धीरे-धीरे करीब आ गए। संबंध बन गए, तो रणधीर उसके खर्च उठाने लगा। उसकी जरूरतें पूरी करता था।

फिर हुई अंजलि-उदय और रणधीर यादव की नैनीताल ट्रिप

अंजलि-उदय और रणधीर यादव की नैनीताल ट्रिप 11 दिन की थी। इस ट्रिप में रणधीर यादव के 1.75 लाख रुपए खर्च हुए। सभी 20 जून को नैनीताल पहुंचे और 1 जुलाई को वापस प्रयागराज पहुंचे। इस ट्रिप से पहले ही उदय और अंजलि के अफेयर का शक हो गया था। उसने ही ट्रिप की पूरी प्लानिंग की थी क्योंकि उसे सबूत इकट्ठा करने थे।

उसने रणधीर के दिल का हाल जानने के लिए उससे जिक्र किया कि कहीं घूमने चलते हैं? उसने कहा कि ऐसा अंजली बोल रही थी, आप भी साथ चलो। रणधीर तो मन ही मन खुश हो रहा था। उसने कहा कि मेरी पत्नी बबली तो अपने मायके जा रही है। उसकी मां बीमार है। मैं ही चलता हूं।

यहीं उदय को अंजलि और रणधीर के बीच अफेयर के सारे सबूत दिखाई दिए। उसने अपने मोबाइल से अंजलि और रणधीर के कई फोटो और वीडियो भी लिए। राम सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने अंजली और रणधीर को संबंध बनाते हुए भी देख लिया था। हालांकि, उसने कुछ भी रणधीर पर जाहिर नहीं होने दिया।

ट्रिप से आने के बाद हुआ अंजलि और उदय का झगड़ा

ट्रिप से आने के बाद 2 जुलाई को अंजलि और उदय के बीच काफी झगड़ा हुआ। इस दौरान उदय ने अंजलि से मारपीट भी की। उदय ने इस दौरान अंजलि और रणधीर के अवैध संबंध की बात सामने रख दी। इसके बाद उदय पत्नी अंजली को प्रताड़ित करने लगा। पुलिस ने जब काल डिटेल निकाली तो पता चला कि अंजलि ने रणधीर यादव को यह सारी बात बता दी।

इसके बाद 11 जुलाई को अंजलि की संदिग्ध मौत हो गई। लेकिन, अब पुलिस जांच में सामने आ रहा है कि अंजलि की मौत संदिग्ध नहीं थी उसकी हत्या हुई। फिलहाल, पुलिस अब इस मामले की नए सिरे से जांच करेगी।

पत्नी की तेरहवीं तक उदय ने नहीं की किसी से बात

उदय ने अंतिम संस्कार से लेकर तेरहवीं तक सब कुछ बहुत विधि-विधान से किया था। अब उसके जानने वाले कहते हैं कि इस दौरान वह बहुत खामोश रहता था। किसी से बात नहीं करता था। रिश्तेदारों और दोस्तों ने पुलिस को बताया कि वह हर वक्त चुप रहता था। अब ऐसा माना जा रहा है कि वह अंदर ही अंदर सिर्फ बदले को अंजाम देने की प्लानिंग करता रहता था।

रणधीर की हत्या की 3 लेवल पर की प्लानिंग

उदय ने रणधीर की हत्या की प्लानिंग बहुत ही चतुराई के साथ की थी। हत्या को हादसा दिखाने के लिए उसने इसकी 3 लेवल पर प्लानिंग की थी। पहली हत्या करने के बाद सिर्फ सिर कूचने के लिए 2 लड़कों को 50 हजार का कांट्रैक्ट। इसके बाद शव को रेलवे लाइन पर रखकर क्षत-विक्षत करवाना… जिससे कि हत्या को हादसे में तब्दील किया जा सके। इसके रणधीर यादव की स्कार्पियो को ले जाकर चित्रकूट में जलाने की प्लानिंग की थी।

प्लानिंग में बदलाव तब हुआ, जब उदय ने रणधीर का मोबाइल लेकर उसे देखा। इसके बाद उसने खूब शराब पी। नशे में वह लाश छोड़कर हटा ही नहीं। रुपए देने के बावजूद उसने रेलवे ट्रैक के बाद रणधीर का सिर कुचवाया। तब वह वहीं मौजूद रहा। लाश को रेलवे ट्रैक पर रखवाने के बाद भी नहीं गया।

ट्रेन आई और चली गई, लेकिन गुस्से में उदय मौजूद रहा। फिर लाश रखवाई, इसके बाद वहां से गया। लाश कूचने वाले रवि पासी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसकी उम्र करीब 24 साल है। वह धूमनगंज के मोहल्ला नींवा का रहने वाला है। पुलिस अभी भी उसके 2 साथियों की तलाश कर रही है। फिलहाल अब आरोपी उदय सलाखों के पीछे नैनी सेंट्रल जेल में बंद है।