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महाराष्ट्र के भाषा विवाद पर बोलीं महामंडलेश्वर पवित्रा नंद गिरि, गुंडागर्दी अब नहीं चलेगी

महाराष्ट्र में मराठी बनाम हिंदी भाषा का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर राजनेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। अब किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर मां पवित्रा नंद गिरि ने महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर प्रतिक्रिया दी।

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Prayagraj News

किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर मां पवित्रा नंद गिरि (Photo-IANS)

महामंडलेश्वर मां पवित्रा नंद गिरि ने सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, "हम मराठी हैं, हम महाराष्ट्रीयन हैं। हम पूरे देश में घूमते हैं। हम बिहार जाते हैं, यूपी आते हैं। अगर मैं प्रयागराज या कहीं घूमने जाती हूं, वहां की भाषा नहीं बोल पाती हूं और उन लोगों ने मेरा मर्डर कर दिया तो उसका भागीदारी कौन होगा? मुझे कौन न्याय देगा?"

मराठी विवाद पर मां पवित्रा नंद गिरि का हमला

महामंडलेश्वर ने कहा कि ठाकरे, आप हर बार सिर्फ मराठी भाषा की बात करते हैं। हर कोई मराठी नहीं सीख पाता है, लेकिन लोग कोशिश करते हैं। वह कई सालों तक मुंबई में रहीं और वह खुद महाराष्ट्र के विदर्भ की रहने वाली हैं। जो ये गुंडागर्दी चल रही है, ये अब चलने वाली नहीं है। वहीं, कहीं न कहीं इसका बुरा असर उनपर और उनकी पार्टी पर पड़ेगा। वे लोग खुद को कैमरे के सामने लाने के लिए इस तरह के बयान देते हैं और गुंडागर्दी करते हैं।

'भाषा किसी की अमानत नहीं'

महामंडलेश्वर मां पवित्रा नंद गिरि ने कहा कि भाषा किसी की अमानत नहीं है। हम अपनी इच्छा से अपनी-अपनी भाषा बोलते हैं। अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, तमिल बोलते हैं। उन्होंने कहा कि जो मराठी के लिए लड़ते और गुंडागर्दी करते हैं वो गुंडे हैं।

उन्होंने कांवड़ यात्रा को लेकर कहा कि सरकार जो भी कांवड़ यात्रा को लेकर काम कर रही है, वो सही है। प्रशासन भी मुस्तैद है। जब कांवड़ यात्रा शुरू होगी तो वह खुद देखेंगे जो इस पर सवाल उठा रहे हैं। नेम प्लेट कोई मुद्दा नहीं है। इसे कुछ लोग जबरदस्ती मुद्दा बना रहे हैं।