
Mamta Kulkarni: फिल्मी और ग्लैमरस दुनिया को छोड़ एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी अब किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर यमाई ममता नंद गिरि बन चुकी हैं। पट्टाभिषेक के दूसरे दिन उन्होंने मीडिया से बातचीत की और कहा कि संन्यास कोई फैशन शो नहीं है। यहां आकर तप करना पड़ता है और लंबी परीक्षा देनी होती है। आज कल के लोग संन्यास को तेजी से अपना रहे हैं, लेकिन धर्म समक्षने में असमर्थ हैं।
यमाई ममता नंद गिरि से जब पत्रकारों ने अंडरवर्ल्ड डॉन से नाम जुड़ने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि माता सीता ने भी अग्नि परीक्षा दी थी और इसके बावजूद उन्हें वनवास मिला था। अब उस दौर को याद करने का कोई अर्थ नहीं है, फिर भी लोग उसी बात को लेकर अपना बयान जारी कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को इस बात को समझना चाहिए कि मैं आज वहां खड़ी हूं, जिसके लिए गौतम बुद्ध ने पूरा सिंहासन छोड़ दिया था। मैंने निष्ठा से तप किया और अन्न का त्याग किया। साथ ही, 12 साल ब्रह्मचर्य का पालन किया।
यमाई ममता नंद गिरि ने यमाई नाम के बारे में बताया कि जब उनका जन्म होने वाला था तो मां काली उनकी दादी के सपने में आईं और कहा कि तुम्हारे घर यमाई का जन्म होगा। यमाई का अर्थ है मृत्यु की मां। उन्होंने कहा कि जब आदिशक्ति ने भगवान श्रीराम की परीक्षा लेने के लिए माता सीता का रूप धारण किया तो भगवान राम ने उनके पांव में सिर रखकर कहा था कि यमाई आप क्यों सीता के रूप में हैं।
यमाई ममता नंद गिरि ने ग्लैमर की दुनिया में वापस जाने के सवाल पर कहा कि मैंने बहुत कठिन तप किया है। अब वापस नहीं जा सकती। जैसे खिलाड़ी को कठिन मेहनत के बाद ओलंपिक जीतने का अवसर मिलता है, ठीक वैसे ही मुझे मेरी तपस्या के रूप में महामंडलेश्वर का प्रमाण पत्र मिला है।
Published on:
26 Jan 2025 08:45 am
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