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मुन्ना बजरंगी हत्याकांड : नैनी जेल से दो महीने में ही शिफ्ट कर दिया गया था मुन्ना बजरंगी, ये थी वजह

Mafia Munna Bajrangi Murder : बनारस कोर्ट में होती थी पेशी, नैनी जेल से बड़े लाव लश्कर के साथ मुन्ना बजरंगी को ले जाया जाता था वाराणसी कोर्ट।

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मुन्ना बजरंगी

Munna Bajrangi

इलाहाबाद. माफिया मुन्ना बजरंगी हत्याकांड के बाद बजरंगी उसके कारनामे का कालाचिठ्ठा सबकी जुबान पर है। बजरंगी का नाम समय समय पर इलाहाबाद से भी जुड़ता रहा है। जानकारी के मुताबिक मुन्ना बजरंगी को 1998 में नैनी जेल में बंद किया गया था, पर यहां उसे दो महीने तक ही रखा जा सका । स्थिति कुछ ऐसी बनी कि उसे दो माह के बाद ही यहां से हटाना पड़ा। बजरंगी को नैनी जेल से रोजाना वाराणसी कोर्ट में पेशी के लिये ले जाया जाता था। इस दौरान उसके साथ भारी-भरकम लाव-लश्कर व सुरक्षा रहती थी। बाद में उसे बनारस जेल में ही शिफ्ट कर दिया गया। बजरंगी के इस जेल ट्रांसफर के पीछे वजह सुरक्षा कारणों को बताया गया।

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नैनी जेल से जाते ही मुन्ना के शूटर की बनारस जेल में हुई थी हत्या
वही मुन्ना बजरंगी का खास शार्प सूटर अनुराग त्रिपाठी उर्फ़ अन्नू 2005 में नैनी सेंट्रल जेल में बंद था। उसके खिलाफ सभी मुकदमे बनारस में दर्ज थे। 2005 में अन्नू को इलाहाबाद से बनारस जिला कचहरी पेशी पर ले जाया गया था। वापसी में उस पर बम से हमला हुआए जिसमे दरोगा और सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गये थे। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर अनुराग को बनारस जेल शिफ्ट किया गया। नैनी जेल से अनुराग त्रिपाठी को शिफ्ट करने के बाद ही बनारस जेल में उसकी हत्या कर दी गई थी।

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कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद शहर में छिपने की थी सूचना
वहीं 2011 में मुन्ना बजरंगी का नाम उस वक्त यहां सुर्खियों में आया। जब बजरंगी का दाहिना हाथ माना जाने वाला बच्चा यादव एसटीएफ से मुठभेड़ में ढेर हो गया था। पुलिस के मुताबिक बच्चा यादव का एनकाउंटर एसटीएफ टीम ने किया था। बताया जाता है की मुन्ना बजरंगी के इशारे पर उसका शूटर बच्चा सुपारी लेकर किसी की हत्या को अंजाम देने के लिए आया था। वहीं मुन्ना बजरंगी की पैठ इविवि के पूर्वांचल से आने वाले छात्रों के बीच मजबूत थी। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद पूरे प्रदेश भर में मुन्ना बजरंगी को पुलिस ढूंढ रही थी। उस दौरान मुन्ना और उसके शूटरों की लोकेशन इविवि के छात्रावासों में मिली देर रात एक साथ सभी हॉस्टलों में ताबड़तोड़ छापेमारी हुई। हालांकि छात्रावासों में छापेमारी में पुलिस खाली हाथ रही। उसके बाद भी मुन्ना बजरंगी कई बार अपराध जगत से जुड़े छात्रों के साथ जुड़ता रहा है।
By Prasoon Pandey