देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू फूलपूर से 1952 से 1962 तक सांसद रहे। उनके बाद विजय लक्ष्मी पंडित ने फुलपुर से राजनिति की और लम्बे समय तक सांसद रही। यहीं से पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह भी संसद पहुचे। कमला बहुगुणा ने जीत हासिल की। देश और प्रदेश की राजनीति में शुरू से ही हाॅट सीट रही फूलपुर से बड़े दिग्गजो ने किसमत अजमायी है। फूलपुर पिछड़ी जातियों के वोट बैक वाली सीट है। जिस पर इस समय सभी राजनीतिक दलों की नजर बनी हैं। देश के चुनावी इतिहास मे पहली बार भाजपा के केशव प्रसाद मोर्या ने फूलपुर से जीत हासिल की है और प्रदेश अध्यक्ष बने। ओबीसी बाहुल्य इस सीट पर नीतीश की सभा का मकसद असल में ओबीसी वोट बैंक साधने और टटोलने की ही है। इस सीट पर ओबीसी मतदाताओं का ऐसा वर्चस्व रहा है की इस सीट से बसपा संस्थापक कांशीराम सपा नेता जंग बहादुर पटेल से चुनाव हार गये थे। फूलपुर लोकसभा सीट में सोरांव, फाफामउ, फूलपुर, प्रतापपुर, सैदाबाद, शहर उत्तरी और पश्चिमी विधानसभा सीट हैं।