
PIL Demanding Removal of CM Yogi
PIL Demanding Removal of CM Yogi: सीएम योगी को हटाने के लिए इलाहबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सीएम योगी ने जज शेखर यादव के बयान का समर्थन किया था। याचिका में कहा गया- CM योगी ने न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के बयान का समर्थन किया जो संविधान के खिलाफ है।
पीपुल्स यूनियन फ़ॉर सिविल लिबर्टीज़ (PUCL) के उत्तर प्रदेश शाखा ने योगी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने संविधान के खिलाफ जाकर जस्टिस शेखर यादव के बयान का समर्थन किया है। जो मुख्यमंत्री पद की शपथ का उल्लंघन करता है। उन्होंने भारत के संविधान के प्रति अपनी आस्था और निष्ठा को तोड़ दी है। इसलिए योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाना चाहिए।
सीएम योगी ने बिना नाम लिए कहा था कि एक हाईकोर्ट के जज ने सही बात कही तो उनको महाभियोग का नोटिस दे दिया गया है। विपक्ष संविधान का गला घोंटकर देश को चलाना चाहता है। समान नागरिक संहिता तो होनी ही चाहिए और दुनिया के अंदर तो बहुसंख्यक समाज की भावनाओं का सम्मान तो हर हाल में होता है।
विपक्षी दलों के नेताओं ने इलाहाबाद के जज शेखर कुमार यादव के बयान के खिलाफ उन्हें पद से बर्खास्त करने के लिए सदन में महाभियोग के लिए नोटिस दिया था। इसकी अगुआई श्रीनगर के लोक सभा सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने की थी।
09 दिसंबर 2024 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव ने एक विशेष धर्मावलंबियों को पॉइंट करते हुए कहा “वो देश के लिए घातक हैं। जनता को बरगलाने वाले लोग हैं। देश आगे ना बढे इस प्रकार के लोग हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है।”
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Updated on:
19 Dec 2024 09:06 pm
Published on:
19 Dec 2024 09:05 pm
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