
इसके अलावा वैशाख महीने में आयोजित तीन दिवसीय मेले में भी बड़ी संख्या में जायरीन शामिल होते थे। प्रशासन की इस कार्रवाई के चलते दरगाह के आसपास सन्नाटा पसरा हुआ है। साथ ही, यहां लगने वाली दुकानों पर भी रोक लगा दी गई है, जिससे स्थानीय व्यापारियों और श्रद्धालुओं में नाराजगी देखने को मिल रही है।
दिसंबर 2023 में प्रयागराज के पचदेवरा गांव में स्थित यीशू दरबार पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। इसके बाद, संजीव मिश्रा नामक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गाजी मियां दरगाह पर लगने वाले मेले को भी बंद कराने की मांग की थी। इसी के तहत प्रशासन ने यह कदम उठाया।
पुलिस प्रशासन का कहना है कि "आक्रांताओं की पूजा नहीं की जाएगी।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हिंदू अपने मंदिरों में और मुस्लिम अपने मस्जिदों में इबादत करें। प्रशासन द्वारा दरगाह पर ताला लगाए जाने के बाद वहां पहुंचे जायरीन को निराश होकर लौटना पड़ा।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर मामला तेजी से तूल पकड़ने लगा, जिससे पुलिस प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा। बढ़ते विवाद को देखते हुए पुलिस ने सफाई दी कि दरगाह पर ताला प्रशासन ने नहीं, बल्कि खुद दरगाह कमेटी ने लगाया है।
दरगाह कमेटी के अध्यक्ष सफदर जावेद ने एक वीडियो जारी कर बताया कि दरगाह के भीतर कुछ मरम्मत कार्य चल रहा है, जिसकी वजह से मजार को अस्थायी रूप से बंद किया गया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पूरा दरगाह परिसर खुला है और अन्य मजारें भी आम लोगों के लिए सुलभ हैं। जायरीन बिना किसी रोक-टोक के दर्शन कर सकते हैं।
गाजी मियां की दरगाह को लेकर प्रशासनिक कार्रवाई और सोशल मीडिया पर उठे विवाद के बीच स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं हो पाई है। जहां पुलिस इसे धार्मिक स्थलों के नियमन से जोड़ रही है, वहीं दरगाह कमेटी का कहना है कि यह केवल मरम्मत कार्य के कारण हुआ। इस मामले पर लोगों की अलग-अलग राय बनी हुई है, और अब देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे पर आगे क्या रुख अपनाता है।
Published on:
23 Mar 2025 05:30 pm
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