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Prayagraj: हाईकोर्ट की सख्ती के बाद स्वरूपरानी चिकित्सालय पहुंचे जिलाधिकारी, व्यवस्थाओं में लापरवाही पर भड़के

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में दुर्व्यवस्थाओं को लेकर डीएम सहित कई अधिकारियों को तलब किया था, और बहुत तल्ख़ टिप्पणी की थी। जिसके बाद शनिवार को जिलाधिकारी श्री रविन्द्र कुमार माँदड़ ने स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

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Prayagraj Update: हाईकोर्ट द्वारा एसआरएन अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर कड़ी टिप्पणी की गई। जिसके बाद शनिवार को जिलाधिकारी श्री रविन्द्र कुमार माँदड़ ने स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने साफ-सफाई, चिकित्सकों की उपस्थिति, ओपीडी सेवाओं, मरीजों के समुचित उपचार और निशुल्क जांच सुविधाओं की उपलब्धता जैसे कई बिंदुओं पर गहन समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि मरीजों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना प्राथमिकता होनी चाहिए।

इमरजेंसी वार्ड में मिली लापरवाही, डीएम ने जताई नाराजगी

निरीक्षण की शुरुआत इमरजेंसी वार्ड से हुई, जहां ड्यूटी पर तैनात डॉ. प्रशांत उपस्थित मिले, लेकिन डॉ. दीपक की अनुपस्थिति पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि ड्यूटी रूम के बाहर एक सूचना बोर्ड लगाया जाए, जिसमें प्रत्येक शिफ्ट में तैनात चिकित्सकों के नाम, मोबाइल नंबर और कार्य अवधि स्पष्ट रूप से अंकित हों।

एसी और सीसीटीवी कैमरे निष्क्रिय पाए जाने पर तत्काल मरम्मत कराने के आदेश दिए गए। एक्स-रे, सीटी स्कैन और पैथोलॉजी विभाग में मशीनों की कार्यशीलता की जांच की गई, साथ ही वहां तैनात कर्मियों के व्यवहार को बेहतर बनाने के लिए "ग्रूमिंग क्लास" आयोजित करने की बात कही गई।

मरीजों से की बातचीत, सुविधाओं की जानकारी ली

जिलाधिकारी ने वार्ड में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों से भी बातचीत कर उनकी समस्याएं और अस्पताल की सेवाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने जोर देकर कहा कि मरीजों को किसी भी सुविधा के लिए भटकना न पड़े। इमरजेंसी में भर्ती एक वर्षीय बच्ची, जिसे उसकी मां पुल से फेंक चुकी थी, को सभी जरूरी सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश जिला प्रोबेशन अधिकारी को दिए।

इसी प्रकार, एक और मरीज भैयालाल, जो ट्रेन हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए थे, के लिए आयुष्मान कार्ड बनवाने के आदेश मुख्य विकास अधिकारी को दिए।

सुधार के लिए कई ठोस कदमों की घोषणा

जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रशासन को निर्देशित किया कि सभी निःशुल्क जांच सुविधाएं (एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स-रे आदि) सुनिश्चित की जाएं और रिपोर्ट निर्धारित शुल्क पर समय से उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने चिकित्सकों की विजिट शीट बनाने और ड्यूटी पर समय से पहुंचने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।

इसके साथ ही उन्होंने एक संयुक्त समिति गठित करने के निर्देश दिए, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय शामिल होंगे। यह समिति अस्पताल का एकाउंट ऑडिट कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

अनुशासन और पारदर्शिता पर सख्त निर्देश

बाहर की दवाएं लिखने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने कड़ी चेतावनी दी कि यदि कोई चिकित्सक ऐसा करता पाया गया, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल परिसर में प्राइवेट एम्बुलेंस के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा और इसका उल्लंघन पाए जाने पर चौकी प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई होगी।

अस्पताल परिसर में बुनियादी सुधार के निर्देश

निरीक्षण के अंत में जिलाधिकारी ने अस्पताल परिसर में इमरजेंसी वार्ड तक जाने वाली सड़क के चौड़ीकरण और मरम्मत के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि अस्पताल का हर आगंतुक एक सुसज्जित, स्वच्छ और संवेदनशील स्वास्थ्य सेवा अनुभव करे।

निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अनिमेष वर्मा, और सभी अपर नगर मजिस्ट्रेट सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।