Prayagraj: यूपी का जिला प्रयागराज इस समय आईजीआरएस मामलों के निस्तारण में प्रदेश में 75वें स्थान पर है, जो कि सबसे निम्न रैंकिंग है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए हाल ही में बुलाई गई समीक्षा बैठक में अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी दी गई थी। एडीएम सिटी सत्यम मिश्र की संस्तुति पर कई अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टियाँ भी दी गई थीं।
इसके बाद डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने 40 लेखपालों की कार्यशैली की समीक्षा कराई, जिनमें से 16 लेखपालों पर गंभीर आरोप पाए गए — जिनमें आईजीआरएस प्रकरणों की अनदेखी, जनशिकायतों को नजरअंदाज करना, हल्कों का नियमित निरीक्षण न करना, बैठकों और तहसील दिवसों में अनुपस्थित रहना तथा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना शामिल है। जिसके बाद डीएम के निर्देश पर इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
निलंबित किए गए लेखपालों की सूची:
नजमुज्जमा उस्मानी (इंडिया)
गिरजाशंकर (इंडिया)
मसूद अहमद (फूलपुर)
वीरेंद्र कुमार पटेल (फूलपुर)
सत्येंद्र भोतिया (सोरांव)
अनुराग कुमार (सोरांव)
इकराम उल्ला (करछना)
बैजनाथ तिवारी (करछना)
मोहम्मद आरिफ (बारा)
ज्योत्सना सिंह (बारा)
रमाशंकर (मेजा)
सूर्यप्रकाश (मेजा)
शिवकुमार वैश्य (कोरांव)
अतुल तिवारी (कोरांव)
कैलाश किशोर (सदर)
राकेश कुमार पाल (सदर)
इन लेखपालों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी संस्तुति की गई है।
डीएम ने साफ की मंशा: सबको करना होगा काम
डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ द्वारा लगातार जिले की व्यवस्था सुधार के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है। उन्होंने कई बार यह चेतावनी दी कि सभी को अपना काम जिम्मेदारी से करना होगा। इसके बाद भी सुधार न होने पर अब लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। डीएम की मंशा साफ है कि सभी को अपना काम जिम्मेदारी से करना पड़ेगा।
Published on:
06 Jun 2025 07:15 am