
नरेन्द्र मोदी, मायावती और अखिलेश यादव
इलाहाबाद. आने वाले लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के संभावित गठबंधन और महागठबंधन से भाजपा नीत एनडीए खेमे में बेचैनी है। किसी भी तरह ये गठबंधन न हो या ये फेल हो जाए इसके लिये रणनीतियां बनायी जा रही हैं। बीजेपी के नेता और खुद प्रधानमंत्री जहां एक तरफ इस गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों को स्वार्थी बता रहे हैं वहीं अंदर-अंदर गठबंधन न हो इसेक लिये भी कोशिशें चल रही हैं, ऐसा राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है। मायावती एनडीए में शामिल हो जाएं इसकी भी कोशिश की जा रही है। इस कोशिश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एनडीए एक एक घटक दल के नेता और मंत्री लगातार मायावती को एनडीए में आने की सलाह मीडिया में आकर दे रहे हैं।
एनडीए के वह नेता हैं रिपब्लिन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष व केन्द्र सरकार में न्याय व अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले। उन्होंने मीडिया के सामने ही एक बार फिर मायावती को भाजपा गठबंधन में आने का ऑफर दिया है। रामदास अठावले काफी समय से इस कोशिश में हैं। वह इसके पहले भी मायावती को ऑफर दे चुके हैं। अठावले अपने दो दिवसीय दौरे पर इलाहाबाद पहुंचे हैं। इस दौरान वह मीडिया से मुखातिब हुए और सपा-बसपा गठबंधन सहित विपक्ष केा घेरते हुए कहा कि सियासी फायदे के लिये देश को गुमराह किया जा रहा है।
नहीं खत्म होगा आरक्षण
आठावले ने कहा है कि 18 जुलाई से शुरु हो रहे मानसून सत्र में केन्द्र सरकार कानून बनाने के लिए बिल ला सकती है। उन्होंने आरोप लगाया है कि विपक्ष लगातार देश की जनता को आरक्षण के मुद्दे पर गुमराह करने में लगा है। पर केन्द्र सरकार ने साफ कर दिया है कि दलितों और पिछड़ों का आरक्षण खत्म करने का उसका कोई इरादा नहीं। प्रमोशन में आरक्षण का बिल पास कराने के लिए राज्य सभा में बहुमत न होने के सवाल पर रामदास अठावले ने कहा है कि विपक्ष को दलितों और पिछड़ों के हितों के लिए बिल का समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए। अठावले ने कहा है कि संसद में कानून बनाकर सामान्य वर्ग को भी आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है। कहा कि उन्होंने सवर्ण गरीबों के लिये भी 25 प्रतिशत आरक्षण देने कीकेन्द्र सरकार से मांग की है।
दुश्मन नंबर वन से समझौता न करें मायावती
यूपी में मायावती के सपा को समर्थन देने पर अठावले ने कहा है कि मायावती को अपने दुश्मन नम्बर वन से समझौता नहीं करना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया है कि मायावती ने दलितों के नहीं बल्कि अपने फायदे को लिए सपा को समर्थन दिया है। वह भाजपा के समर्थन से तीन बार यूपी की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं, और अब उसी भाजपा को मनुवादी कहकर कोस रही हैं। कहा की मायावती दलितों के आड़ में अपनी सियासी रोटी सेकनें में लगी हैं, जो अब मुश्किल है। देश का दलित यह जान चुका है कि उनके हित में कौन काम कर रहा है।
By Prasoon Pandey
Updated on:
30 Jun 2018 12:29 pm
Published on:
30 Jun 2018 10:28 am
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