
अब गर्मी के मौसम में ऑपरेशन टालने की पुरानी धारणा टूट रही है। स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय और इससे संबद्ध विभिन्न विभागों में 14 मई से 21 मई 2025 के बीच महज एक सप्ताह में कुल 1289 ऑपरेशन किए गए, जिसमें बड़ी संख्या में प्लान्ड (इलेक्टिव) सर्जरी भी शामिल रहीं। यह इस ओर इशारा करता है कि मरीज अब ऑपरेशन की तारीख मौसम के अनुसार नहीं, बल्कि अपनी छुट्टियों, पारिवारिक सहयोग और सुविधा के अनुसार तय कर रहे हैं।
इस सप्ताह के भीतर नेत्र रोग विभाग (मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय) में सर्वाधिक 765 सर्जरी हुईं, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि मोतियाबिंद और अन्य नेत्र रोगों के मरीज अब तुरंत इलाज को प्राथमिकता दे रहे हैं। जनरल सर्जरी विभाग में 159 ऑपरेशन हुए, जबकि डेंटल सर्जरी विभाग में 74 और ईएनटी विभाग में 36 सर्जरी की गईं। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में 79, यूरोलॉजी विभाग में 49, न्यूरो सर्जरी विभाग में 16, बाल एवं शिशु शल्य चिकित्सा विभाग में 13 और कैंसर सर्जरी विभाग में 9 ऑपरेशन किए गए। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि लगभग सभी विभागों में इलेक्टिव सर्जरी की संख्या गर्मी के बावजूद बनी हुई है।
इस बढ़ते रुझान को लेकर वरिष्ठ सर्जन का कहना है कि अब मरीजों को गर्मी में ऑपरेशन कराने में कोई संकोच नहीं है। उनका भरोसा आधुनिक सुविधाओं, एयर कंडीशन्ड ऑपरेशन थियेटर, बेहतर संक्रमण नियंत्रण और विशेषज्ञ टीमों पर है। वे बताते हैं कि मरीज अब इलाज को टालने के बजाय गर्मी की छुट्टियों का लाभ उठाकर ऑपरेशन करवा रहे हैं ताकि उन्हें पर्याप्त रिकवरी टाइम और पारिवारिक समर्थन मिल सके।
नेत्र रोग विशेषज्ञों के अनुसार, मोतियाबिंद और रेटिना जैसी बीमारियों में देर करना नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए मरीज अब मौसम का इंतजार नहीं करते। छात्रों, शिक्षकों और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह समय सबसे अनुकूल होता है, जब वे इलाज की प्रक्रिया से आराम से गुजर सकते हैं।
स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय की बहु विभागीय सर्जरी सुविधाएं, अनुभवी चिकित्सक, और तकनीकी सशक्तता की वजह से प्रयागराज और आसपास के जिलों के मरीज अब बिना किसी संकोच के यहां आकर इलाज करवा रहे हैं। यह न केवल डॉक्टरों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है, बल्कि अस्पताल प्रबंधन की चुस्त व्यवस्था और लगातार हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार का भी प्रमाण है।
बढ़ती गर्मी के बावजूद सर्जरी की यह रिकॉर्ड संख्या इस बात का सबूत है कि अब मरीज इलाज में देरी नहीं करना चाहते। यह प्रवृत्ति न केवल बदलती मानसिकता को दर्शाती है, बल्कि प्रयागराज की स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ते विश्वास और जागरूकता का भी प्रमाण है।
Published on:
25 May 2025 05:20 pm
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