30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गाय को राज्य में एक से दूसरी जगह लाना ले जाना गौहत्या एक्ट में अपराध नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

कोर्ट ने पीठ ने एक वाहन में 6 गायों को ले जाते हुए पकड़े गए शख्स के केस में जमानत देते हुए ये कहा है।

less than 1 minute read
Google source verification
cow

गायों को लेकर जा रहे शख्स को हाईकोर्ट ने दी जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रदेश के अंदर गाय लेकर जाना या गाय पालना को यूपी गोवध निवारण अधिनियम 1955 यानी यूपी काऊ स्लॉटर एक्ट के तहत अपराध नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इसे अपराध के लिए उकसाने अपराध की कोशिश भी नहीं माना जा सकता है। इस साल मार्च में कुंदन यादव नाम के शख्स के वाहन से 6 गायों की बरामदगी के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने कुंदन यूपी गोवध निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। कुंदन ने हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी। कुंदन की जमानत स्वीकार करते हुए जस्टिस विक्रम डी चौहान ने कहा कि किसी के पास सिर्फ गाय मिल जाना अपराध नहीं है।

कोर्ट ने कहा- पुलिस के वकील के पास कोई सबूत नहीं
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा कि पुलिस के वकील ने ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया, जिससे ये लगे कि गिरफ्तार शख्स ने कहीं गाय या बैल को मारा था। या ऐसी किसी कोशिश में वह शामिल था। गायों की बरामदगी का भी कोई स्वतंत्र गवाह नहीं है। ऐसे में सिर्फ उत्तर प्रदेश के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान पर गायों का परिवहन अपराध के दायरे में नहीं आएगा। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने कुंदन को जमानत दे दी।

जस्टिस विक्रम डी चौहान की पीठ ने यह भी कहा कि केवल मांस रखने या ले जाने से गोमांस या गोमांस उत्पादों की बिक्री या परिवहन को वध अधिनियम के तहत दंडनीय नहीं माना जा सकता है। इसके लि पुख्ता और पर्याप्त सबूत के जर‌िए यह दिखाया जाना चाहिएओ कि बरामद मांस गोमांस ही है।

यह भी पढ़ें: पहलवानों के समर्थन में जंयत चौधरी का ऐलान, जंग लाजमी है तो अब जंग होगी