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लड़की बनने के चक्कर में UPSC के छात्र ने काट लिया प्राइवेट पार्ट, खुद ही लगाया था एनस्थीसिया का इंजेक्शन फिर…

प्रयागराज में एक UPSC के एक स्टूडेंट ने लड़की बनने के चक्कर में खुद का ही प्राइवेट पार्ट काट लिया। युवक ने खुद ही एनस्थीसिया लिया था। इसके बाद प्राइवेट पार्ट को काट दिया।

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प्रयागराज : प्रयागराज में एक UPSC की तैयारी करने वाले छात्र ने ऐसा कांड कर लिया है जो उसे जीवन भर दर्द देगा। यहां पढ़ाई करने वाले छात्र को ऐसा लगता था कि वह लड़का नहीं है। वह एक लड़की है, इसी के चलते उसने यह कांड किया। फिलहाल, युवक का एसआरएन मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है।

युवत अपना जेंडर चेंज करना चाहता था। इसके लिए उसने पहले खुद को एनस्थीसिया लगाया फिर सर्जिकल ब्लेड से अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया। युवक जब दर्द से चीखने चिल्लाने लगा तो आवाज उसके मकान मालिक को सुनाई दी। उन्होंने कमरे में पड़े तड़पते हुए लड़के को देखा तो वह उसे लेकर तुरंत बेली अस्पताल पहुंचे। युवक की गंभीर हालत को देखते हुए डाक्टरों ने उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती करवा दिया।

अमेठी का रहने वाला है युवक

युवक अमेठी का रहने वाला है। वह अपने मां-बाप का इकलौता लड़का है, जिसकी वजह से उनको वह कुछ भी बता नहीं पाता है। युवक के अनुसार कोई उसकी बात मानने को तैयार नहीं है कि वह लड़की है और लड़का नहीं है। किसी को उसकी बात समझ ही नहीं आती।

यूट्यूब पर देखा वीडियो

युवक ने जेंडर चेंज करने के लिए यूट्यूब पर वीडियो देखा। इसके बाद गूगल पर सर्च भी किया। इस दौरान युवक का संपर्क कटरा के एक झोलाछाप डॉक्टर जेनिथ से संपर्क हो गया। डॉक्टर जेनिथ के कहने पर ही युवक ने सर्जिकल ब्लेड और एनस्थीसिया खरीदा और खुद ही सर्जरी करने की ठान ली। युवक सर्जिकल ब्लेड और एनस्थीसिया का इंजेक्शन लेकर रूम पर आया। इसके बाद उसने एनस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगाने के बाद जब कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न तो युवक ने प्राइवेट पार्ट को काट दिया।

फर्श पर बहा ब्लड

एनस्थीसिया के इंजेक्शन का असर जब तक रहा तब तक युवक को दर्द नहीं हुआ। जैसे ही एनस्थीसिया का असर खत्म हुआ युवक दर्द से तड़पने लगा और जोर-जोर से चिल्लाने लगा। करीब एक घंटे तक कमरे में युवक दर्द से तड़पता रहा। दर्द की दवा भी खाई लेकिन कोई खास असर नहीं हुआ। उधर, फर्श पर ब्लड बह रहा था, जिसके बाद मकान मालिक ने एंबुलेंस बुलाई और उसे लेकर तेज बहादुर सप्रू बेली अस्पताल पहुंचे। वहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए उसे स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

एसआरएन अस्पताल के मीडिया प्रभारी और वरिष्ठ सर्जन संतोष सिंह के ने बताया कि छात्र जेंडर आईडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिस्फोरिया की बीमारी से पीड़ित है। उसने अपने हाथ से ही अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया था। जब वह अस्पताल लाया गया था तो प्राइवेट पार्ट से काफी ब्लीडिंग हो रही थी। सर्जन के मुताबिक, इस बीमारी में मरीज को लगता है कि वह लड़की है, इसलिए वह बदलाव के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाल देता है।