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मौसम से बर्बाद हो रही आलू सरसो और अरहर की फसल, बचाव के लिए तुरंत करें ये काम

यूपी में महीने भर से चल रहे भीषण ठंड प्रकोप से न सिर्फ जन जीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि मौसम ने फसलों को भी बड़ी चोट पहुंचाई है। मौसम की मार झेल रहे फसलों को बचाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों के उपयों को जरूर अपनाना चाहिए।

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कोहरे और ठंड से खराब हो रही सरसो और आलू की फसल

पूरे उत्तर प्रदेश में मौसम का अपना अलग तांडव है। कहीं शीतलहर तो कहीं कोहरे और पाले ने लोगों को खूब परेसान किया है। लगभग एक महिने से मौसम ने तमाम प्रकार से लोगों को हैरान किया है। जन जीवन के अलावा मौसम ने फसलों पर भी काफी बुरा प्रभाव डाला है। हाल यह है कि एक महिने से लगातार चल रहे कोहरे और ओले के कारण सीजन की प्रमुख फसल आलू, सरसो, मटर और अरहर की फसलें खराब होती चली जा रही हैं। आलू और मटर की फसल का आलम यह है कि पूरी फसल ही झुलसती चली जा रही है। वहीं सरसो और अरहर के पेड़ों में लगने वाले फूलों पर मौसम का बुरा प्रभाव पड़ा है। जिसके कारण फली से पहले लगने वाले फूल ही सूख कर गिर जा रहे हैं। अनुमान है कि यदि सप्ताह भर ऐसा ही मौसम रह गया तो अरहर और सरसो की खेती में किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। जिला कृषि अधिकारी प्रयागराज सुभाष मौर्या ने कहा कि ऐसे में खेतों में सिचाई करके नमी कायम रखना बेहद रूरीरी है। जमीन में नमी रहने से फसलों पर कोहरे और ओले का असर कम हो जाता है। इसके अलावा आलू और मटर में पाउडरी मिल्लू नामक रोग की शिकायत आ रही है। जिससे बचाव के लिए कार्बेंडाजिम नामक दवा का छिडक़ाव करके किसान अपनी फसल को हद तक बचा सकते हैं।

गेहूं के लिए फायदेमंद है यह मौसम
घना कोहरा, ओला और शीतलहर भले ही तमाम फसलों को नुकसान पहुंचा रही है, लेकिन गेहूं की फसल के लिए यह काफी लाभकारी है। मौसम के कारण ही गेहूं की फसलों में बेहर विकास हो रहा है। किसानों के लिए ध्यान देने के लिए सिर्फ यह जरूरी है कि समस समय पर गेहूं की सिंचाई करते रहें, और खेत में नमी बरकरार रखें।
मौसम के कारण घट सकती है 50 प्रतिशत पैदावार
जिस तरह से एक महिने के मौसम ने मटर, सरसो, आलू और अरहर पर अपना कुप्रभाव डाला है, उससे फसलों की पैदावार बेहद खराब होने की आशंका है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यदि किसानों द्वारा बचाव का उपाया नहीं किया गया तो इन फसलों की पैदावार ५० प्रतिशत तक घटने का खतरा है।