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Pune News: मानव बलि के लिए साढ़े तीन साल की बच्ची का अपहरण, महज 10 घंटे के भीतर पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने ऐसे बचाया

महाराष्ट्र के पुणे में एक छोटी बच्ची के अपहरण का मामला सामने आया है। पिंपरी चिंचवड़ पुलिस ने मानव बलि के मामले की जांच की है। महज दस घंटे में साढ़े तीन साल की बच्ची को पुलिस ने रेस्क्यू कर छुड़ा लिया गया है। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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साढ़े तीन साल की बच्ची का अपहरण

महाराष्ट्र के पुणे में एक साढ़े तीन साल की बच्ची के अपहरण का मामला सामने आया है। पिंपरी चिंचवड़ पुलिस ने मानव बलि के मामले की जांच की है। पुलिस ने महज दस घंटे में साढ़े तीन साल की बच्ची को अपहर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया। चिखली पुलिस और क्राइम ब्रांच के दो सौ जवानों ने सीसीटीवी की मदद से इस संवेदनशील मामले को सुलझाया। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

बता दें कि जुन्नार के एक दंपति संतोष चौघुले और विमल चौघुले पैसे के लिए बेताब थे। पिछले हफ्ते चौघुले परिवार ने मानव बलि देने की साजिश रची क्योंकि उन्हें किसी ने बताया था कि मानव बलि से धन आता है। मानव बलि के लिए उन्हें एक बच्चे की तलाश थी। विमल चौघुले ने ये बात अपनी बहन सुनीता नलवड़े बताया, सुनीता पुणे के पिंपरी चिंचवाड़ में रहती हैं। इसके बाद सुनीता नलवड़े ने विमल को उस परिवार के बारे में बताया जो करीब तीन महीने पहले आया था। उस परिवार में साढ़े तीन साल की एक बच्ची थी। सुनीता और विमल ने मानव बलि के लिए उस बच्ची का अपहरण करने का प्लान बनाया। यह भी पढ़ें: Nagpur Crime News: लिव इन रह रहे प्रेमी ने दूसरी प्रेमिका से मिलने के लिए पहली को उतारा मौत के घाट, जानें पूरा मामला

अपहरण के लिए ऐसे तैयार किया प्लान: अपहरण के लिए विमल ने अपने बारह साल के बेटे को सुनीता के घर भेज दिया। वह चार दिन पहले ही पिंपरी चिंचवाड़ आया था और उसे छोटी बच्ची को अपने भरोसे में लेने की जिम्मेदारी सौंपी थी। उसके आने के बाद से वह छोटी लड़की को अपने में खुला मिला लिया जैसे बच्ची को खाना खिलाता था, उसके साथ खेलता था, उसे अपना मोबाइल फोन खेलने देता था। इसके बाद 23 जुलाई को दोपहर में वह घर से यह कहकर ले गया कि वह बच्ची को खाना देगा।

बारह साल के लड़के की मां विमल वहीं रह रही थी। वहां से वे कुछ दूर चले गए और विमल ने बच्ची को उठा लिया। विमल ने अपने चेहरे पर कपड़ा बांध लिया और वहां से सीधे जुन्नार अपने घर पहुंच गए। इस दौरान पुलिस को चमका देने के लिए विमल ने बच्ची को सुनीता के पास ही रखा। दूसरी तरफ, काफी देर तक बच्ची के घर नहीं आने पर घरवालों ने चिखली पुलिस में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस कमिश्नर अंकुश शिंदे ने मामले की गंभीरता को समझा। इस मामले की जांच एपीआई तौफीक सैयद को सौंपी गई।

बता दें कि करीब दो सौ कर्मचारियों ने जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज में बच्ची को एक 12 साल के लड़के के साथ दिखाई दी। इसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की। पूछताछ में उसने बताया कि उसने बच्ची को दुकान से तुरंत घर ले गया। फिर जुन्नार पुलिस ने सुनीता के घर पर छापा मारा जहां पुलिस को बच्ची मिल गई। पुलिस ने महज दस घंटे में बच्चे को सुरक्षित निकाल लिया। मामले में शामिल चौघुले और नलावडे परिवारों में से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। क्या कोई गॉडफादर चोघुले परिवार का मार्गदर्शन कर रहा है? पुलिस इस जांच में जुटी है।