
रायबरेली. डिडौली गांव के पास गुरुवार रात लखनऊ- यशवंतपुर सुपरफास्ट के इंजन और पांच डिब्बों में बिजली का तार फंस गए। चालक की सूझबूझ और तारों में आपूर्ति नही होने से बड़ा हादसा होने से बच गया। घटना की जानकारी से रेल महकमें में हड़कंप मच गया। अधिकारियों की टीम ने पहुंचकर तार को बाहर कराया। घटना की वजह से करीब ढाई घंटे तक रायबरेली-लखनऊ रेलखंड पर ट्रेनों का आवागमन ठप रहा। रात के वक्त ट्रेन खड़ी होने से यात्रियों में अफरातफरी मची रही। अधिकारियों ने पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई हैं।
मौजूदा समय में उतरेटिया से रायबरेली तक रेल विकास निगम लिमिटेड की ओर से रेल लाइन विद्युतीकरण का कार्य कराया जा रहा था। 27 दिसम्बर को डिडोली गांव के पास तार बिछाने का कार्य हुआ थ गुरुवार रात करीब 8ः30 बजे ट्रेन नंबर 22684 लखनउ-यशवंतपुर सुपरफास्ट रायबरेली की तरफ आ रही थी। डिडौली पुल पर ट्रेन के इंजन व पीछे के पांच डिब्बों में बिजली का तार फंस जाने से हुई तेज आवाज पर चालक ने ट्रेन को रोक दिया। चालक ने उतरकर तार हटाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नही मिली। इस पर चालक ने सूचना स्टेषन अधीक्षक व कंट्रोल रुम को दी। सूचना से हड़कंप मच गया।
कुछ देर बाद यातायात निरीक्षक डीआर मीना, स्टेशन अधीक्षक राकेश कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रताप सिंह नेगी और रेल विकास निगम लिमिटेड का स्टाफ मौके पर पहुंचा। काफी मशक्कत के बाद रात 11 बजे तारों को हटाकर ट्रेन का संचालन शुरु कराया गया। इसस दौरान इलाहाबाद से सहारनपुर जा रही गाड़ी 14511 नौचंदी एक्सप्रेस को रायबरेली में दो घंटे, वाराणसी से लखनऊ जा रही गाड़ी संख्या 14203 इंटरसिटी एक्सप्रेस को रुपामऊ में 50 मिनट और कानपुर से प्रतापगढ़ जा रही इंटरसिटी एक्सप्रेस को 20 मिनट गंगागंज में रोका गया। माना जा रहा है कि लापरवाही की वजह से तार खुले पड़े थे, जिससे वे इंजन व डिब्बे में फंस गए। वहीं कंपनी के अधिकारियों ने तार चोरी करने करने की आषंका जताई है। उनका कहना है कि चोरी होने की वजह से तार लटक रहे थे। फिलहाल जांच की जा रही है। स्टेषन अधीक्षक राकेष कुमार का कहना है कि तार फंसने की वजह से ट्रेन रुकी थी। गनीमत रही कि एक बड़ा हादसा बच गया। मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।
Updated on:
30 Dec 2017 01:50 pm
Published on:
30 Dec 2017 01:47 pm
बड़ी खबरें
View Allरायबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
