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पुदीना ने बदल दी ज़िन्दगी,भर दी जीवन में खुशहाली

रायबरेली में एक किसान की पुदीना ने बदल दी ज़िन्दगी,भर दी जीवन में खुशहाली

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पुदीना ने बदल दी ज़िन्दगी,भर दी जीवन में खुशहाली

पुदीना ने बदल दी ज़िन्दगी,भर दी जीवन में खुशहाली

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

रायबरेली .ऊंचाहार वैसे तो पुदीना तमाम व्याधियों के लिए औषधि और व्यंजनों के स्वाद को लजीज बनाता है लेकिन, इसकी खेती अति अल्प जोत किसानों की गरीबी दूर करने का नुस्खा भी है । इस हकीकत को समझने के लिए ऊंचाहार ब्लाक के गांव सैतहा का पुरवा आना पड़ेगा । इस गांव के किसान शिव बरन मौर्य ने पुदीना की खेती करके न सिर्फ अपनी गरीबी को दूर की है अपितु दूसरे किसानों के लिए नजीर भी बन गए है ।

किसान की पुदीना ने बदल दी ज़िन्दगी,भर दी जीवन में खुशहाली

करीब दस साल पहले शिव बरन के सामने जीविका का संकट था। बुजुर्गो से मिली मात्र एक बीघा जमीन परिवार चलाने के लिए नाकाफी थी । सामान्य रूप से क्षेत्र में होने वाली गेहूं व धान की फसल से वह अपना परिवार नहीं चला पा रहे थे । बीज, खाद पानी तक के लिए धन का जुगाड करना बड़ा मुश्किल हो रहा था ।ऐसे में परिवार की गाड़ी खींचना उनके लिए बड़ा मुश्किल था । गांव के लोग गेहूं व धान की फसल के साथ साथ खेतों में सब्जियों भी लगाते थे । परिवार में तीन बेटे एक बेटी व पत्नी को मिलाकर कुल छः सदस्य थे । छः सदस्यों का पेट भरना फिर अन्य खर्चे के लिए उनको दूसरे की चाकरी करनी पड़ती थी । अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए वह अक्सर सोचा करते थे । इसी सोच में उनके मन को पुदीना ने आकर्षित किया । शुरू में उन्होंने मात्र आधा बिस्वा जमीन पर पुदीना की रोपाई की । उसके बाद जब पुदीना ने हरियाली पकड़ी तो उनका झुकाव इस अल्प लागत की खेती को और बढ़ता चला गया । आज वह करीब पांच बिस्वा। जमीन पर पूरे साल केवल और केवल पुदीना की खेती करते है ।

एक बार की रोपाई , साल भर कमाई

शिव बरन बताते है कि यहां पर पुदीना की दो प्रजाति लगाई जाती है । जिसमे एक देशी है दूसरा इलाहाबादी । एक बार पुदीना की रोपाई करने के बाद पूरे साल केवल पानी की जरूरत पड़ती है । वह प्रतिदिन औसतन करीब पांच किलो पुदीना बेंचते है । पुदीना की खास बात यह है कि एक बार इसकी कटाई करने के बाद इसके पौधे और विस्तार के साथ उगते है । बाजार में इसके दाम सीजन के अनुसार घटते - बढ़ते रहते है । जब सहालक होती है तो पुदीना अच्छे दाम पर बिकता है । इस सीजन में पचास रुपए से लेकर अस्सी रुपए किलो के भाव से पुदीना बिकता है ।

बेसहारा पशुओं से मिलती है निजात

शिव बरन ने बताया कि वह पुदीना के साथ अन्य सब्जियों की भी खेती करते है । आजकल बेसहारा पशुओं की भरमार है । ऐसे में यदि पुदीना को खेत के किनारे करीब दो तीन फीट की चौड़ाई में लगाया जाए तो उस खेत में जानवर नहीं जाते है । क्योंकि पुदीना की गंध से जानवर दूर भागते है । इससे अन्य फसल की जानवरों से सुरक्षा भी मिलती है ।


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