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Raebareli Murder: भाले से छलनी हुई आस्था: तंत्र-मंत्र के विवाद में पुजारी की हत्या, खून से लाल हुआ आश्रम

Raebareli के मुर्तजा नगर गांव स्थित कारेदेवन मंदिर में धनतेरस की रात दिल दहला देने वाली वारदात हुई। तंत्र-मंत्र के विवाद में पुजारी बाबा मोहन नाथ अघोरी की भाले से हत्या कर दी गई, जबकि पत्नी द्रौपदी घायल हैं। हत्या का आरोप रिश्तेदार जीजा-साले पर है, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया है।

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20 साल से आश्रम में रह रहे अघोरी बाबा मोहन नाथ की बेरहमी से हत्या, खून से सना मिला मंदिर परिसर (फोटो सोर्स : AI)

20 साल से आश्रम में रह रहे अघोरी बाबा मोहन नाथ की बेरहमी से हत्या, खून से सना मिला मंदिर परिसर (फोटो सोर्स : AI)

Raebareli Murder: धनतेरस की रात जब लोग घरों में दीप जलाकर समृद्धि की कामना कर रहे थे, उसी समय रायबरेली के एक मंदिर में खून की नदियाँ बह रही थीं। जिले के मुर्तजा नगर गांव स्थित कारेदेवन मंदिर में रहने वाले पुजारी बाबा मोहन नाथ अघोरी (52) की उनके ही रिश्तेदारों द्वारा भाले से हत्या कर दी गई। इस हमले में पुजारी की पत्नी द्रौपदी अघोरी (50) भी गंभीर रूप से घायल हुईं। आश्रम के अंदर खून से लथपथ शव, बिखरे धार्मिक सामान और टूटी चादरें देखकर गांव के लोग सन्न रह गए। घटना का कारण निकला - तंत्र-मंत्र को लेकर आपसी विवाद।

 20 साल से चला रहा था आश्रम, करता था झाड़-फूंक और तंत्र साधना

शाहजहांपुर मूल निवासी मोहन नाथ अघोरी करीब दो दशक पहले रायबरेली आए थे। उन्होंने कारेदेवन मंदिर परिसर में एक छोटा सा आश्रम बनाया और यहीं रहकर पूजा-पाठ, साधना व झाड़-फूंक का कार्य करते थे। ग्रामीणों के बीच उनकी पहचान एक शांत और सेवाभावी साधु के रूप में थी। कुछ साल पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल की रहने वाली द्रौपदी अघोरी से विवाह किया था, जो आश्रम में उनकी सेवा करती थीं। दोनों बिना किसी संतान के आश्रम में ही साधना करते और तंत्र-मंत्र के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान बताते थे।

धनतेरस की रात आया विनाश का क्षण

शनिवार रात करीब 12 बजे, जब बाबा और उनकी पत्नी आश्रम के टिनशेड के नीचे सो रहे थे, तभी दो लोग वहां पहुंचे। सुखदेव बंगाली और उसका जीजा संजय बंगाली, जो द्रौपदी के दूर के रिश्तेदार थे। दोनों कुछ समय पहले से गांव में मिठाई बेचने का काम करते थे, साथ ही तंत्र-मंत्र का अभ्यास भी करते थे। बताया जा रहा है कि उसी तंत्र-मंत्र को लेकर इनका विवाद कई दिनों से चल रहा था।

विवाद से हत्या तक-आधी रात की सनसनीखेज कहानी

रात लगभग 11 बजे सुखदेव और संजय पहले भी आश्रम आए थे। उन्होंने बाबा से झाड़-फूंक कराने की बात की, लेकिन किसी बात पर तीखी बहस हो गई। पत्नी द्रौपदी ने बीच-बचाव किया तो झगड़ा शांत हो गया और दोनों आरोपी लौट गए। लेकिन कुछ देर बाद, रात करीब 12 बजे, वे भाला लेकर दोबारा लौटे। जैसे ही बाबा मोहन नाथ गहरी नींद में थे, आरोपियों ने उन पर भाले से ताबड़तोड़ वार कर दिए। द्रौपदी के मुताबिक कि सुखदेव ने पहले मेरे पति के सिर पर वार किया, फिर संजय ने उनके सीने में भाला घोंप दिया। मैं चिल्लाई तो उन्होंने मेरे चेहरे और कंधे पर भी हमला किया। घटना के बाद आरोपियों ने खून से लथपथ बाबा को वहीं छोड़ दिया और अंधेरे में फरार हो गए।

खून से सना आश्रम, फोरेंसिक टीम ने जुटाए सबूत

शोर सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो आश्रम का दृश्य भयावह था। फर्श पर खून फैला था, दीवारों पर छींटे और बिखरे पूजा के सामान पड़े थे। ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। एएसपी संजीव कुमार सिन्हा फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। टीम ने खून के नमूने, हथियार के निशान और मौके से मिले पैरों के निशान जब्त किए।

पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। थाना प्रभारी मुर्तजा नगर ने बताया कि दोनों आरोपी सुखदेव बंगाली और संजय बंगाली को गांव के पास से ही हिरासत में ले लिया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने हत्या की बात स्वीकार की है। पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी तंत्र-मंत्र के अभ्यास को लेकर बाबा से नाराज थे। उन्होंने रात में पहले बहस की और फिर योजनाबद्ध तरीके से हमला किया।

घायल पत्नी द्रौपदी की आपबीती

घायल द्रौपदी अघोरी को स्थानीय सीएचसी (कम्युनिटी हेल्थ सेंटर) में भर्ती कराया गया है। उनके चेहरे पर गंभीर चोटें हैं, लेकिन हालत स्थिर बताई जा रही है। आंसुओं में डूबी द्रौपदी ने कहा कि हम तो सिर्फ भगवान का नाम लेते थे,किसी का बुरा नहीं किया। उन्होंने मेरे सामने मेरे पति की जान ले ली।

 गांव में भय और गुस्सा

घटना की खबर फैलते ही पूरे मुर्तजा नगर गांव में दहशत और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि बाबा सबकी मदद करते थे, और कभी किसी से झगड़ा नहीं किया। गांव वालों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों को सख्त सजा दी जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। तंत्र-मंत्र के नाम पर इंसानियत की हत्या हुई है- यह कहते हुए गांव के बुजुर्ग फूट-फूटकर रो पड़े।

प्रशासन सख्त, जांच में जुटी टीमें

एएसपी रायबरेली संजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि हत्या में इस्तेमाल भाले को बरामद कर लिया गया है। फिंगरप्रिंट और डीएनए जांच के लिए सबूत लखनऊ भेजे जा रहे हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं इस हत्या के पीछे कोई आर्थिक या धार्मिक प्रतिस्पर्धा तो नहीं थी।

 “तंत्र-मंत्र” से “तनाव” तक - अंधविश्वास बना विनाश का कारण

यह मामला सिर्फ हत्या नहीं, बल्कि उस अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र की अंधी दुनिया का भयावह चेहरा है, जहां श्रद्धा और संदेह के बीच इंसान अपनी संवेदनाएँ खो देता है। धर्म और साधना के नाम पर शुरू हुआ विवाद रक्तरंजित हत्या में बदल गया, जिसने एक परिवार को उजाड़ दिया और एक मंदिर को खामोश कर दिया।