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बिटिया@वर्क : जब बेटियां पहुंची अपने पापा के ऑफिस तो रह गई दंग, कहा मेरे पापा करते हैं इतना काम

बेटियां परिवार ही नहीं, समाज, देश और दुनिया के भी सुनहरे भविष्य की गंगोत्री

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बेटियां परिवार ही नहीं, समाज, देश और दुनिया के भी सुनहरे भविष्य की गंगोत्री

बेटियां परिवार ही नहीं, समाज, देश और दुनिया के भी सुनहरे भविष्य की गंगोत्री

रायगढ़. बेटियां परिवार ही नहीं, समाज, देश और दुनिया के भी सुनहरे भविष्य की गंगोत्री हैं। आज स्कूल और कॉलेज में पढ़ रहीं बेटियों में से ही कुछ और मदर टेरेसा, इंदिरा गांधी, किरण बेदी, कल्पना चावला, सानिया मिर्जा या इदिरा नूई निकलकर नई रोशनी बिखेरेंगी। इसी सद्भावना को ध्यान में रखकर पत्रिका समूह ने अपने संस्थापक श्रद्धेय कर्पूरचन्द्र कुलिश की 84वीं जयंती पर 20 मार्च को अनूठा अभियान

'बिटिया इन ऑफिस' आयोजित किया। इसके तहत देश-प्रदेश के कई शहरों में विभिन्न कम्पनियों के अधिकारी/ कर्मचारी नौ से 19 साल की बेटियों को लेकर दफ्तर पहुंचे। पिता के कामकाज से रू-ब-रू होना बेटियों के लिए नया अनुभव था। उनके चेहरों पर उत्साह था, रोमांच भी छलक रहा था।


हर बार उठे मासूम सवाल, जवाब से पीछे नहीं हटे पिता
ऑफिस : जीआरपी थाना रायगढ़
बिटिया का नाम : अंशिका मिश्रा
पिता का नाम : अवधेश मिश्रा, (आरक्षक जीआरपी)
पत्रिका के इस पहल के कारण अपनी बेटी को ऑफिस लेकर आया उसे अपना काम दिखाया, कई मासूम सवाल उठे पर उसने रुचि दिखाई।

-अवधेश मिश्रा


ग्राहक होता है भगवान, करते हैं आदर
ऑफिस : रेलवे खान-पान स्टॉल
बिटिया का नाम : स्नेहा बैरागी
पिता का नाम : प्रदीप बैरागी,
(केयर टेकर रायगढ़)


-काम कोई छोटा बड़ा नहीं होता। अपनी बेटी को अपने दुकान पर लाकर अपने काम को दिखाना और ग्राहक भगवान होता है बताना काफी अच्छा लगा।
-सायशा गिरधर


बारीकी से जांचा परखा
ऑफिस : नगर निगम, राजस्व विभाग
बिटिया का नाम : हनी मिश्रा, गुनगुन मिश्रा
पिता का नाम : प्रदीप मिश्रा, (प्रभारी राजस्व अधि.)
बच्ची ने देखा उसके पिता कैसे करते हैं बाल संरक्षण का कार्य
ऑफिस : जिला बाल संरक्षण कार्यालय, रायगढ़
बिटिया का नाम : निहारिका डनसेना
पिता का नाम : दीपक डनसेना, (जिला बाल संरक्षण अधि.)


-ये काफी हर्ष का माहौल है कि मैं बाल संरक्षण का कार्य करता हूं और अपनी बेटी को अपने इसी कार्य को दिखाने के लिए यहां लाया हंू। कई सवाल उसने उठाया, जिसका मैंने जवाब दिया, वो संतुष्ट हुई।
-दीपक डनसेना


-बेटियों को अपना काम दिखाना, उनके सवालों का जवाब देना काफी अच्छा लगा।
-प्रदीप मिश्रा


आप भी लें इसमे हिस्सा
बिटियाञ्च2शह्म्द्म अभियान 30 सितंबर तक चलेगा। इसके लिए आप अपने बेटी को कार्यस्थल तक ले जाएं, उसे अपनी कुर्सी पर बिठाकर काम समझाएं। इस पल की फोटो अपने मोबाइल से खिचवाएं। इसके बाद स्रड्डह्वद्दद्धह्लद्गह्म्.श्चड्डह्लह्म्द्बद्मड्ड.ष्शद्व पर लॉग ऑन करें। मांगे गए सामान्य विवरण भर कर यह फोटो सीधे अपलोड कर दें। अपनी बेटी का अनुभव कमेंट सेक्शन में अवश्य लिखें।