
CG Coal Policy: कोल डिपो के माध्यम से कोयले की हेरा-फेरी को रोकने के उद्देश्य से शासन ने वर्ष 2010 में कोल ब्लाक से 25 किलोमीटर की परीधि में संचालित कोल डिपो को बंद करने का आदेश जारी किया है, लेकिन जिले में अभी भी ऐसे 3 कोल डिपो संचालित हो रहा है जिसकी जांच शुरू हो गई है।
वर्ष 2010 में जारी उक्त आदेश के बाद जिले में खनिज विभाग के तत्कालीन अधिकारी ने ऐसे कई कोल डिपो जो कि कोल ब्लाक से 25 किलोमीटर की परीधि में आ रहे थे के अनुज्ञप्ति को निरस्त करने की कार्रवाई की है, लेकिन कुशवाबहरी में संचालित बालाजी अर्थमूवर्स कोल डिपो, एमपीएस ट्रांसपोर्ट की जारी कोल डिपो व एक को लेकर सवाल उठ रहा है। बताया जाता है कि ये तीनों कोल डिपो भी कोल ब्लाक से 25 किलोमीटर के परीधि में संचालित हो रहे हैं।
इसकी सूचना मिलने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर खनिज विभाग के उप संचालक ने तीनों कोल डिपो की जांच शुरू कर दी है। बताया जाता है कि तीनों डिपो कोल ब्लाक से 25 किलोमीटर के अंदर आ रहे हैं। हालांकि कोल ब्लाकों से दूरी मापने के लिए संबंधित एजेंसी को पत्र लिखने की बात कही जा रही है। संबंधित एजेंसी से रिपोर्ट मिलने के बाद रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
उक्त तीनों डिपो में से एक का अनुज्ञप्ति 15 जूलाई 2022 के पूर्व समाप्त हो गया था तो वहीं दो अन्य का भी 2022 में लाइसेंस की अवधी समाप्त हो गई थी। लेकिन इसके बाद फिर से उक्त तीनों लाइसेंस का रिन्युवल 2023 तक का कर दिया गया। जबकि शासन ने कोल ब्लाक से 25 किलोमीटर की दूरी पर संचालित डिपो को बंद करने के लिए 2010 में आदेश जारी किया है।
जिले में संचालित डिपो में व्यापक पैमाने में गड़बड़ी हो रही थी। कई बार तो अच्छे ग्रेड के कोयले को डिपो में अनलोड कर उसमें खराब ग्रेड का कोयला मिलाने को लेकर कार्रवाई भी हुई है। कई बार पुलिस ने प्रकरण बनाया है तो कई बार खनिज विभाग ने कार्रवाई की है।
खनिज विभाग के उप संचालक राजेश मालवे का कहना है कि कुछ डिपो के नाम सामने आए हैं, लेकिन बिना जांच के कार्रवाई नहीं कर सकते। संबंधित एजेंसी से रिपोर्ट मांगा गया है, रिपोर्ट के आधार पर व उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्रवाई होगी।
Updated on:
07 Jun 2024 07:05 am
Published on:
06 Jun 2024 05:30 pm
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