
CG Education: रायगढ़ के 244 प्रायवेट स्कूलों में आरक्षित 2028 सीट में से प्रथम चरण में आए आवेदन में से 1752 बच्चों का चयन किया गया था। इस हिसाब से देखा जाए तो 276 सीट ऐसे ही शेष हो गया। प्रवेश की प्रक्रिया के बाद उक्त आरक्षित सीट की संख्या में और भी इजाफा हो सकता है, जिसके कारण विभाग ने 30 जून तक प्रवेश की प्रक्रिया को पूण करने के साथ ही साथ प्रायवेट स्कूलों को पोर्टल में शेष आरक्षित सीट की संख्या अपडेट करने का निर्देश दिया है।
ताकि 1 जुलाई से शुरू होने वाले दूसरे चरण के आवेदन में आरक्षित सीट संख्या के हिसाब से ड्रा की प्रक्रिया किया जा सके। 1 जुलाई से दूसरे चरण में प्रवेश के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी जो कि 30 जुलाई तक चलेगी। वहीं लॉटरी के लिए 17 से 20 जुलाई का समय निर्धारित किया गया है। लॉटरी के बाद 22 जुलाई से दूसरे चरण के चयनित बच्चों को प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया होगी।
जिले में स्कूलों की संख्या -254
पूर्व में आरक्षित सीट - 2028
प्रथम चरण में चयनित बच्चे- 1752
प्रथम चरण में चयनित बच्चों को जहां मार्च व अप्रैल माह में पूरा कराए गए कोर्स को पूरा करने के लिए मेहनत करना पड़ेगा, तो वहीं दूसरे चरण में चयनित बच्चों को मार्च अप्रैल के अलावा जून माह में सामान्य बच्चों को कराए गए कोर्स को पूरा करने के लिए मेहनत करना पड़ेगा।
डीईओ बी बाखला का कहना है कि प्रथम चरण में चयनित बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 1 जुलाई से दूसरे चरण के लिए आवेदन लिया जाएगा।
भारत सरकार ने शिक्षा के अधिकार (आरटीई - RTE) अधिनियम 2009 को लागू किया, जिसका उद्देश्य प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना है। इस अधिनियम के तहत, देश भर के सभी निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को अपनी कुल सीटों का 25% गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित करना होता है। छत्तीसगढ़ राज्य भी इस अधिनियम को लागू करने में अग्रणी है और इसके तहत कई बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिला है। आइए छत्तीसगढ़ में आरटीई के माध्यम से स्कूल में प्रवेश की प्रक्रिया और स्थिति पर एक नज़र डालें।
आरटीई के तहत प्रवेश की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। छत्तीसगढ़ में आरटीई के तहत प्रवेश की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में संपन्न होती है -
इच्छुक अभिभावक आरटीई पोर्टल पर अपने बच्चों का पंजीकरण कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें आवश्यक दस्तावेज जैसे कि आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, और बच्चे की जन्म तिथि का प्रमाण अपलोड करना होता है।
यदि किसी स्कूल में आरक्षित सीटों से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, तो सीटों का आवंटन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाता है। यह प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी और निष्पक्ष होती है।
लॉटरी में चयनित बच्चों के अभिभावकों को संबंधित स्कूल में जाकर दस्तावेज़ सत्यापन करना होता है। सत्यापन के बाद बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित किया जाता है।
दस्तावेज़ सत्यापन के बाद, बच्चे को स्कूल में प्रवेश मिल जाता है और वह नियमित छात्र की तरह पढ़ाई शुरू करता है।
छत्तीसगढ़ में आरटीई के तहत शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में लगभग 500 निजी स्कूल आरटीई के तहत बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। प्रत्येक स्कूल में 25% सीटें आरटीई के तहत आरक्षित हैं, जिससे हजारों वंचित बच्चों को गुणवत्ता शिक्षा का अवसर मिला है।
हालांकि छत्तीसगढ़ में आरटीई के तहत स्कूल में प्रवेश की प्रक्रिया सफलतापूर्वक चल रही है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं:
ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में आरटीई के बारे में जागरूकता की कमी है। कई अभिभावकों को इस योजना के बारे में जानकारी नहीं है, जिससे वे इसका लाभ नहीं उठा पाते।
कई बार आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पाता। विशेषकर आय प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाइयाँ होती हैं।
कुछ निजी स्कूलों में आरटीई के तहत बच्चों के प्रवेश के प्रति उत्साह की कमी देखी गई है। स्कूल प्रशासन द्वारा प्रवेश प्रक्रिया में अड़चने डालने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
राज्य सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा आरटीई के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। रेडियो, टीवी, सोशल मीडिया और ग्रामीण इलाकों में पर्चे बांटकर लोगों को इस योजना के बारे में जानकारी दी जा रही है।
दस्तावेज़ संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए विभिन्न सहायता केंद्र खोले गए हैं, जहां अभिभावकों को आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने में सहायता की जाती है।
राज्य शिक्षा विभाग द्वारा नियमित रूप से स्कूलों की निगरानी और मूल्यांकन किया जा रहा है ताकि आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
छत्तीसगढ़ में आरटीई के माध्यम से स्कूल में प्रवेश की प्रक्रिया ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्रदान करके राज्य ने एक सकारात्मक कदम उठाया है। हालाँकि चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं, लेकिन सरकार और समाज के सामूहिक प्रयासों से इन्हें हल किया जा सकता है। आरटीई के तहत प्रवेश की इस प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और व्यापक बनाने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।
Published on:
22 Jun 2024 02:02 pm
बड़ी खबरें
View Allरायगढ़
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
