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Election2018- पुराने चुनाव से सबक लेकर नया हथियार तैयार कर रही कांग्रेस, दावा इस बार भेद लेंगे रायगढ़ का किला

कांग्रेस की बूथ लेवल एक्सरसाइज शुरू, ठोक बजाकर तैयार कर रहे कार्यकर्ता, देर रात तक चल रही है वन-टू-वन स्क्रीनिंग

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Election2018- पुराने चुनाव से सबक लेकर नया हथियार तैयार कर रही कांग्रेस, दावा इस बार भेद लेंगे रायगढ़ का किला

Election2018- पुराने चुनाव से सबक लेकर नया हथियार तैयार कर रही कांग्रेस, दावा इस बार भेद लेंगे रायगढ़ का किला

रायगढ़. पिछले चुनावों से सबक लेकर इस बार जिला कांग्रेस नया प्लाट और योजना तैयार कर रही है। इस बात का खुलासा गुरुवार को तब हुआ जब प्रदेश के आला पदाधिकारियों की मीटिंग शाम में ही खत्म हो गई लेकिन पार्टी की बैठक देर रात तक जिला बॉडी के नेतृत्व में चलती रही। हालांकि पार्टी के आला पदाधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से रणनीतिक लिहाज से परहेज कर रहे हैं, पर जो सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है उसके अनुसार जिला बॉडी की ओर से बूथ लेवल के कार्यकर्ता काफी ठोक बजाकर तैयार किया जा रहा है।

पार्टी कार्यालय या अन्य जगह पर देर रात तक इसके लिए मीटिंग चल रही है। पार्टी के पदाधिकारी संबंधित कार्यकर्ताओं से वन-टू-वन बात कर रहे हैं, संतुष्ट होने के बाद ही उसे संबंधित बूथ का जिम्मा दिया जा रहा है। इसे देखते हुए यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने बूथ लेवल पर रायगढ़ शहर की घेराबंदी अपने तरीके से शुरू कर दी है। कहा जा रहा है कि अभी शहर के बाहरी इलाकों के माध्यम से बाउंड्री तैयार की जा रही है, इसके बाद मध्य शहरी हिस्से में धावा बोलेंगे।

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पिछले चुनाव के सबक के संबंध में जब पार्टी के पदाधिकारियों से सवाल किया जा रहा है तो वो खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं। पर इतना जरूर कह रहे हैं कि काफी चीजें बदल दी गई हैं। ऐसे में जानकार इस बात की ओर भी इशारा कर रहे हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उन बूथों पर भी भाजपा हावी रही थी जहां कांग्रेस की स्थिति काफी बेहतर थी। इन हालात में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद भाजपा ने कांग्रेसी कार्यकर्ता की मदद से ही उन बूथों में सेंध लगाई होगी।

हालांकि ये कयास या आशंका एक हद तक सही दिखती है क्योंकि शहर में यदि दलीय प्रकृति को देखा जाए तो हाथ छाप भाजपाई और कमल छाप कांग्रेसी आराम से गाहे-ब-गाहे दिख जाते हैं, लेकिन तुलनात्मक दृष्टि से कमल छाप कांग्रेसियों की संख्या ज्यादा है।

किया गया है एक नया प्रयोग
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि जिला बॉडी की ओर से बूथ लेवल पर एक नया प्रयोग किया गया है। जिसमें एरिया, पहचान और जनसंख्या को प्राथमिकता दी गई है। हालांकि इन तीनों के बीच किस प्रकार का सामंजस्य बिठाया गया है ये बताने से परहेज कर रहे हैं। पर दावा इस बात का है कि ये प्रयोग काफी अचूक और कारगर होगा। ऊपर-ऊपर ये बात सामने आ रही है कि बूथ में जिसकी पहचान होगी वही पर्ची बांटेंगा।

पुरानी कमेटी का क्या
कांग्रेस के इस ताबड़तोड़ एक्सरसाइज के बाद यह सवाल उठ रहा है कि जो पुरानी बूथ कमेटी बनी थी उसका क्या हुआ। यदि सब कुछ नया हो रहा है तो जाहिर है कि पुरानी कमेटी या तो भरोसेमंद नहीं थी या फिर कागजी थी जिसे टेबल पर तैयार किया गया था। इस मामले में पार्टी के पदाधिकारी यह कहकर साफ निकल जा रहे हैं कि पार्टी का हर कार्यकर्ता भरोसमंद है और पूर्ण रूप से कांग्रेसी है, पर उलट फेर के सवाल पर चुप्पी साध ले रहे हैं।