अग्रवाल ने कहा कि लालफीताशाही का आलम ये है कि अब लोगों को काम करवाने के लिये बाबू ले लेकर अधिकारियों को दिये जाने वाले सुविधा शुल्क की जानकारी के लिये सूचना का अधिकार अधिनियम का सहारा लेना पड़ रहा है।
विवश होकर ऐसा किया
अग्रवाल ने कहा कि विवश होकर उनको सूचना का अधिकार का सहारा लेना पड़ा। उनका मानना है कि एक बार सुविधा शुल्क की जानकारी हो जाने पर वे संबंधित बाबू से लेकर अधिकारी तक शुल्क का भुगतान नगद या चालान से कर देंगें, ताकि उन्हें और ज्यादा परेशान न होना पड़े।
-जिस प्रकार की स्थिति है उससे तो यही लगता है कि बिना लेन-देन के काम ही नहीं होता है इसलिए विवश होकर मुझे सुविधा शुल्क के दर की जानकारी के लिए आरटीआई लगाना पड़ा।
-रमेश अग्रवाल, गोल्डमैन विनर