
उद्योग विभाग ने हिंदुस्तान फेब्रीकेशन को रास्ता छोडऩे के लिए लिखा पत्र, जानें रास्ता नहीं देने के पीछे व्यवसायी की क्या थी मंशा
रायगढ़. हिंदुस्तान फेबिक्रेशन ने अतिशेष भू-खंड का अधिपत्य उद्योग विभाग को सौंपा है, लेकिन जिस जमीन को छोड़ा है उस तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं दिया है। जिसके कारण यह प्लाट अब बेकार पड़ा हुआ है। इसको देखते हुए उद्योग विभाग ने हिंदुस्तान फेब्रीकेशन को रास्ता छोडऩे के लिए पत्र लिखा है।
हिंदुस्तान फेब्रीकेशन को २५ अगस्त १९८१ को उद्योग विभाग ने मांग के अनुरूप २ एकड़ जमीन चक्रधर नगर स्थित इंडस्ट्रियल पार्क में आबंटित किया। इसके बाद वहां पर उद्योग चालू हुआ, लेकिन बाद में जब उद्योग विभाग ने जांच किया तो पाया कि इस उद्योग को १५०० वर्गफीट जमीन अधिक दिया गया है। मांग के हिसाब से दिए गए २ एकड़ में १५ सौ वर्गफीट जमीन का उपयोग नहीं किया जा रहा था जिसे विभाग ने अतिशेष जमीन मानकर अधिपत्य में लेने की कार्रवाई की।
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२२ दिसंबर २०१३ को हिंदुस्तान फेब्रीकेशन से उद्योग विभाग को १५ सौ वर्गफीट के भू-खंड का अधिपत्य दिया, लेकिन उक्त उद्योग ने भू-खंड तक पहुंचने के लिए मार्ग नहीं छोड़ा जिसके कारण उक्त प्लाट और किसी के काम नहीं आ रहा। विभाग द्वारा कई बार इसके लिए हिंदुस्तान फेब्रीकेशन को पत्र लिखा, लेकिन अभी तक रास्ता नहीं छोड़ा गया है।
आदेश होने के बाद चला गया कोर्ट
वहीं मेसर्स जय काली ट्रेडर्स को भी २० मार्च २००३ को करीब १८ सौ वर्गफीट जमीन आबंटित हुआ था। जिसमें बाद में जांच में यह सामने आया कि ८ सौ वर्गफीट जमीन का उपयोग नहीं हो रहा है वह अतिशेष है। इसके लिए संचालनालय से उक्त भू-खंड विभाग के अधिपत्य में देने का आदेश किया गया। जिसके बाद यह प्रकरण कोर्ट में चले गया।
रास्ता नहीं देने का यह भी है एक कारण
संबंधित व्यवसायी के द्वारा इंडिस्ट्रयल पार्क में आवंटित जमीन को वापस करने के बाद रास्ता नहीं देने का कारण भी सामने आ रहे हैं। विभाग इसके पीछे यह कारण मान रहा है कि संबंधित व्यवसायी रास्ता नहीं देने के पीछे उक्त जमीन को कब्जा करने की मंशा में है। यदि रास्ता ही नहीं रहेगा तो उक्त जमीन को फिर से कब्जा किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि उद्योग विभाग ने बीते दिनों कार्य शुरू नहीं करने वाले का आवंटन रद्द कर दिया था।
आदेश जारी होने भी नहीं मिल सका अधिपत्य
मेसर्स ओरिएंट इंडस्ट्रीज को उद्योग विभाग ने २४ जनवरी १९९७ को चक्रधर नगर इंडस्ट्रीयल पार्क में आबंटित जमीन वर्ष २००१ में निरस्त किया गया इसके बाद विसी में मिले निर्देश के आधार पर बेदखली की कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया। संचालनालय के आदेश पर वर्ष २०१२ में शेड क्रमांक १ बी के भू-खंड का अधिपत्य देने आदेश किया गया लेकिन इसके बाद से उक्त भूखंड का अधिपत्य मिलना लंबित है।
-हिंदुस्तान फेब्रीकेशन ने अतिशेष भूमि का अधिपत्य सौंपा है, लेकिन पहुंच मार्ग के लिए रास्ता नहीं छोड़ा गया है। कंपनी को रास्ता के लिए पत्र लिखा गया है। वहीं ओरिएंट कंपनी से अधिपत्य में लेने प्रक्रिया चल रही है- केएल उईके, मुख्य महाप्रबंधक, उद्योग विभाग
Published on:
22 Jul 2018 11:48 am
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