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स्वच्छता सर्वेक्षण में 104 रैंक से उछल कर 54 रैंक पर पहुंचा नगर निगम, 50 अंकों की बनाई बढ़त

स्वच्छता रैंकिंग के परिणाम आने के बाद अब अंबिकापुर की सफाई व्यवस्था से रायगढ़ की तुलना की जा रही है।

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स्वच्छता सर्वेक्षण में 104 रैंक से उछल कर 54 रैंक पर पहुंचा नगर निगम, 50 अंकों की बनाई बढ़त

स्वच्छता सर्वेक्षण में 104 रैंक से उछल कर 54 रैंक पर पहुंचा नगर निगम, 50 अंकों की बनाई बढ़त

रायगढ़. केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण की घोषणा कर दी है। इसमें पिछले साल की तुलना में इस साल निगम की सफाई व्यवस्था काफी सुधार है। पिछले साल के सर्वेक्षण में जहां निगम का स्थान १०४ था। वहीं इस साल ५० अंकों की बढ़त लेते हुए ५४ स्थान पर आया है। हालांकि अभी भी अंबिकापुर नगर निगम ने ४३ स्थान पीछे है। हालांकि निगम के रैंकिंग में सुधार को देखते हुए अधिकारियों में खुशी नजर आ रही है।

स्वच्छता रैंकिंग के परिणाम आने के बाद अब अंबिकापुर की सफाई व्यवस्था से रायगढ़ की तुलना की जा रही है। इसके पीछे कारण यह है कि रायगढ़ नगर निगम अंबिकापुर नगर निगम रोल मॉडल मानते हुए कार्य कर रही थी। इसके पीछे कारण यह भी है कि अंबिकापुर व नगर निगम में काफी समानता भी है। हमारे यहां ४८ वार्ड हैं तो अंबिकापुर में भी ४८ वार्ड है। इसी तरह संसाधन की व्यवस्था भी लगभग एक सामान ही है।

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मौजूदा समय में नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर गौर करे तो हमारे नगर निगम में ३२० प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मचारी कार्यरत हैं। वहीं इसके अलावा करीब ६८ नियमित कर्मचारी है। यह सिर्फ सफाई कामगार कर्मचारी है। इनके अलावा २३ वाहन से सफाई का कार्य किया जाता है। वहीं इस व्यवस्था में आने वाले खर्च कर पर गौर करते तो हर माह करीब ६० लाख रुपए के खर्च भी किए जा रहे हैं। वहीं सफाई को लेकर शिकायतों का अंबार भी लगा रहता है।

अभी भी मिल रही है लगातार शिकायत
शहर के ४८ वार्डों में दो चार वार्डों छोड़ दिया जाए तो अधिकांश वार्ड के लोगों के साथ पार्षदों की यही शिकायत रहती है कि सफाई की व्यवस्था बदहाल है। कुछ पार्षद तो यह भी शिकायत करते हैं कि उनके क्षेत्र में सफाई कामगार जाते ही नहीं। वहीं कुछ का कहना होता है कि जो सफाई कामगार जाते हैं वे वार्ड के लिए पर्याप्त नहीं होते। ऐसे में स्थिति नहीं सुधर रही है। इससे नाराजगी भी रहती है।

एसएलआरएम सेेंटर के लिए जमीन नहीं
शहर में १० एसएलआरएम सेंटर बनाया जाना है। वहीं यह सेंटर बनाए जाने के लिए दो साल से प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक पूरे १० के १० सेंटर अभी तक नहीं बन सके हैं। हालांकि नगर निगम के द्वारा ९ सेंटर तो बनवा लिया गया है, लेकिन एक सेंटर के लिए जमीन तय नहीं हो सकी है। पिछले दिनों इसके लिए एफसीआई गोदाम के पास जमीन तालाश की गई थी, लेकिन यहां विरोध हो गया। ऐसे में वहां काम बंद कर दिया गया।