
धान खरीदी में अब कुछ दिन ही शेष, बारदाना के इंतजार में इतनी समितियां, तैयारियां भी अधूरी
जांजगीर-चांपा. जिले के २०६ समितियों में एक नवंबर से धान खरीदी होनी है, लेकिन अब तक समितियों व संग्रहण केंद्रों में तैयारी शुरु नहीं की गई है। समितियों में न तो अभी तक बारदानें पहुंचे है और ना ही कोई अन्य तैयारी नजर आ रही है। जिले में सबसे पहले बम्हनीडीह इलाके में धान खरीदी की सबसे पहले बोहनी होती है। क्योंकि यहां बड़ी संख्या में किसान अर्ली वेरायटी के धान की फसल लगाते हैं। जो पहले क्रम में धान की बिक्री करते हैं। यदि ऐसे किसान एक नवंबर से धान बिक्री के लिए समितियों में पहुंच जाएं तो प्रबंधकों की तैयारियों की पोल खुलना तय है। विदित हो कि जिले को इस बार ७० लाख क्ंिवटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है।
जिले में धान खरीदी को लेकर भले ही तारीख की घोषणा कर दी गई है। पर समिति स्तर पर उसकी तैयारी फिलहाल शून्य हैं। जबकि एक नवंबर से धान खरीदी की घाषणा के बीच किसानों ने तैयारी भी शुरु कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में जांजगीर-चांपा जिला अव्वल रहा है। यहां ७० से ९० लाख क्विंटल तक धान की बिक्री समितियों में की जाती है। हर बार की तरह इस बार भी धान खरीदी में अव्वल होने की संभावना है। क्योंकि इस साल भी धान की फसल अच्छी हुई है।
हालांकि बलौदा व डभरा इलाके में नहर का पानी टेल एरिया में नहीं पहुंच पाने के कारण कुछ फसल प्रभावित होने की बात कही जा रही है। लेकिन लक्ष्य के अनुरुप धान का उत्पादन होना तय माना जा रहा है। अगर बात करते जिले के २०६ समितियों में धान खरीदी की तैयारियों कि तो उसमें संबंधित अधिकारी को उदासीन रवैया ही नजर आ रहा है। जिसकी पुष्टि इस बात से भी हो रही है कि धान खरीदी की तारीखों के तय होने के बावजूद जिले में बारदाना की खेप अब अक नहीं पहुंच सकी है। वहीं कई समितियों के ताले तक नहीं खुले हैं। ऐसे में, साफ-सफाई शुरू हाने का सवाल ही नही उठता है। बारिश के दिनों में जो घास फूंस उग आए हैं। वह जस का तस दिखाई दे रहे हंै।
समितियों में तौल के लिए न तो तराजू बांट है और न ही अन्य उपकरण। यदि किसान अपनी तैयारी के साथ एक नवंबर से धान की बिक्री करने पहुंच जाएं तो समिति प्रबंधकों में तैयारियों की पोल खुलना तय है। इधर विभागीय अधिकारी यह कह रहे है कि अभी समय है। एक नंबवर से पहले सब कुछ ओके हो जाएगा। हलांकि अभी सिर्फ इसे हवा-हवाई बातें ही कही जा रही है।
परिवहन का टेंडर भी है अभी शेष
धान खरीदी के बाद उसे समितियों से संग्रहण केंद्र तक भेजने के लिए बड़े पैमाने पर वाहनों की दरकार होती है। इसके लिए बकायदा परिवहन को लेकर टेंडर जारी किया गया है। पर अब तक परिवजन टेंडर की दिशा में भी कोई पहल नहीं हुई है। जिसकी वजह से फाइनल का मुहर लग पाए। ऐसे में , मार्कफेड की सुस्त चाल का अंदाजा भी लगाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि मार्कफेड यह तय नहीं कर पाया है कि कौन ट्रांसपोर्टर कहां से धान का उठाव करेगा और कौन से संग्रहण केंद्र में परिदान करेगा। यही वजह है कि समितियों से समय पर धान का उठाव नहीं हो पाता और इस दौरान समिति प्रबंधक व किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पौने दो करोड़ बारदाने की जरूरत
जिले में इस बार ७० लाख क्ंिवटल धान खरीदी का टारगेट दिया गया है। ७० क्ंिवटल धान खरीदी के लिए एक करोड़ ७५ लाख बारदाने की जरूरत पड़ेगी। लेकिन अब तक एक भी बारदाना समितियों में नहीं पहुंच पाया है। जबकि इसकी सप्लाई बाहर से होती है। कुछ समितियों में राइस मिलर्स के द्वारा बारदाने की सप्लाई की जाती है। जिसे बाद में रिफंड कर दिया जाता है। मिलर्स द्वारा भी जिले के समितियों में बारदाने की सप्लाई अब तक नहीं की गई है। जिसकी वजह सेे समितियों में फिल्हाल उहापोह की स्थिति है।
संग्रहण केंद्र में भी तैयारी अधूरी
२०६ समितियों से खरीदे गए धान को संग्रहित करने के लिए जिले में आधा दर्जन से अधिक संग्रहण केंद्र बनाया जाता है। जिसमें जांजगीर के मनोहर राइस मिल, मुनुंद रोड स्टेडियम, चांपा के किसान राइस मिल, अकलतरा भाठा, बोड़ासागर डभरा, जेठा सक्ती सहित अन्य केंद्रों में धान का संग्रहण किया जाता है। उक्त केंद्रों में अभी कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही है। समितियों में अब भी अव्यवस्था का आलम है। धान खरीदी के तय समय के बीच उक्त केंद्रों को भी अपडेट करने की दरकार है।
-एक नवंबर से धान खरीदी की घोषणा की गई है। जिले के २०६ समितियों में धान खरीदी की तैयारी शुरू की जा रही है। अभी धान खरीदी में कुछ दिन शेष है। समय रहते सारी तैयारी पूरी कर ली जाएगी- प्रवीण पैकरा, डीएमओ, जांजगीर-चांपा
Published on:
21 Oct 2018 12:01 pm
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