PM Awas Yojana Scam: कार्रवाई से बचने के लिए सरपंच से मिलीभगत कर पीएम आवास योजना का लाभ ले लिया गया और अब आलीशान मकान बनाकर दीवारों पर पीएम आवास लिखवा दिया गया है।
PM Awas Yojana Scam: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में मेडिकल कॉलेज रोड में बेशकीमती शासकीय भूमि पर पहले तो अतिक्रमण कर निर्माण शुरू कर दिया गया और जब तहसीलदार ने अतिक्रमण हटाने के लिए प्रकरण दर्ज दर्ज कर लिया तो इस कार्रवाई से बचने सरपंच से मिली भगत कर इसी भूमि में पीएम आवास का लाभ ले लिया। अब आलिशान भवन का निर्माण कर दीवारों में पीएम आवास का लिखवा दिया गया है।
मेडिकल कॉलेज व मातृ शिशु अस्पताल बनने के बाद अतरमुड़ा क्षेत्र की भूमि का दाम आसमान छू रहा है। ऐसे में इस क्षेत्र में कुछ लोग सक्रिय भी दिख रहे हैं। पिछले लंबे समय से इस क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग व सरकारी भूमि व नाला में अतिक्रमण कर निर्माण का खेल चल रहा है। इस बार कुछ नया कारनामा देखने को मिल रहा है।
फरवरी 2024 में जिस मोहरसाय पटेल को 0.160 हे. (18 हजार वर्गफुट) भूमि पर काम रोकने और अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया गया था। उसने सरपंच से मिली भगत कर चार लोगों के नाम पीएम आवास सूची में डलवा लिए। तब तक आलीशान मकान बन चुका था। अब बचने के लिए दीवार पर पेंट करके पीएम आवास लिखवा दिया है।
मेडिकल कॉलेज रोड पर मोहरसाय पटेल पिता कृपाराम पटेल नामक व्यक्ति ने खनं 121/1 रकबा 2.7230 हे. में से 0.160 हे. (18 हजार वर्गफुट) भूमि पर कब्जा किया है। पहले यह जमीन रिक्त पड़ी थी जिस पर पक्का निर्माण शुरू किया गया। तहसीलदार ने स्टे ऑर्डर दिया लेकिन निर्माण जारी रहा। अब उस जगह पर एक बड़ा मकान बनाया जा चुका है।
इस अतिक्रमण को हटाने के लिए तहसीलदार रायगढ़ ने 5 फरवरी 2024 को आदेश दिया था और ८ माह बाद 29 अगस्त 2024 को हुई ग्रामसभा में उनके नामों पर पात्र मानते हुए अनुमोदन किया गया। यादराम पटेल पिता कृपाराम, मोहरसाय पिता कृपाराम पटेल, कुंजबिहारी पिता मोहरसाय, तेजराम पिता कृपाराम, मालती मोरध्वज पटेल और प्रीति दिनेश पटेल का नाम स्वीकृत कर दिया। अब बाहर दीवार खड़ी करके उस पर पीएम आवास हितग्राहियों के नाम लिख दिए गए हैं।
इस मामले में बड़े अतरमुड़ा सरपंच की भूमिका भी संदिग्ध है। पहले नाला किनारे अतिक्रमण कर कॉपलेक्स बनाने की कोशिश करने पर अवैध निर्माण तोड़ा गया था। अब भी वहां चार दुकानें बनाई जा चुकी हैं। दो साल से जमीन पर अतिक्रमण करके निर्माण किया जाता रहा। पड़ता हुआ नजर आ रहा है। जिसके कारण सरकारी भूमि पर अतिक्रमण नहीं रूक रहा है।
खसरा नंबर 120/1 में ही 3190 वर्गफुट पर सरकारी कर्मचारी सूर्यकांत वर्मा पिता भानुप्रताप ने भी अवैध निर्माण किया है। 20 दिसंबर 2024 को नोटिस के बाद उसने अपना मकान और दुकान निर्माण पूरा कर लिया। राजस्व न्यायालयों के नोटिस पर अब किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
एक ओर लोक निर्माण विभाग इस मार्ग के फोरलेन के लिए सर्वे कर रही है तो वहीं दूसरी ओर सड़क किनारे स्थित सरकारी भूमि पर लगातार अतिक्रमण की बातें सामने आ रही है। इस तरह से पीएम आवास स्वीकृत होने से मुआवजे के रूप में सड़क के निर्माण की लागत बढ़ने की बात कही जा रही है।
तहसीलदार शिव डनसेना ने कहा की हमने अतिक्रमण को लेकर उक्त लोगों को नोटिस जारी किया था। अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया गया है। इसमें जल्द ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।