
खुद की दावेदारी के लिए अन्य दावेदारों की जमकर खोली पोल
रायगढ़. सबसे अनुशासित कही जाने वाली भाजपा में विधानसभा चुनाव टिकट के लिए कलह शुरू हो गया है। हलंाकि इसकी शुरुआत अभी खरसिया विधानसभा से हुई है।
खरसिया विधानसभा से टिकट के दावेदार व जिला भाजपा सदस्यता अभियान प्रभारी विजय कुमार अग्रवाल, किरोड़ीमल नगर ने खरसिया विधानसभा में पार्टी के टिकट के लिए क्या चाहिए इस बात की पोल खोल दी है। उन्होंने खुद की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा है कि खरसिया में टिकट के लिए जाति और पार्टी में ऊपरी पहुंच होनी चाहिए।
विजय अग्रवाल की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि छग में विधानसभा चुनाव निकट आ गए हैं। विधानसभा वार का लोग कयास लगाने लगे हैं कि कांग्रेस और भाजपा से किसको टिकट मिलेगा। इन सबके बीच खरसियां विधानसभा एक ऐसी विधानसभा है जहां पहला सवाल तो यही रहता है कि इस विधानसभा को भाजपा का प्रदेश या राष्ट्रीय नेतृत्व गंभीरता से लेगा या फिर से यहां टोकन चुनाव लड़ेगी।
पिछले तीन-चार चुनावों में कहीं से नहीं लगा कि भाजपा ने इसे गंभीरता से लड़ा हो। यदि यही क्रम जारी रहा तो कांग्रेस की विधानसभा में संख्या की गिनती एक नहीं दो से ही शुरू होगी और इस बार कांटे की टक्कर में दोनों प्रमुख दलों को एक सीट भी भारी पडऩे की संभावना नजर आ रही है। ऐसी स्थिति में भी भाजपा इसे छोड़कर रणनीति बनाए यह चौथी पारी खेलने की लालायित भाजपा को शायद भारी पड़ जाए।
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पहुंच से मिलती है टिकट, हार के रिकार्ड तय किए भाजपा ने
विजय अग्रवाल की ओर से जारी विज्ञप्ति में स्पष्ट कहा गया है कि जहां तक प्रत्याशियों के नामों की चर्चा पर बात हो तो यहां हमेशा से भाजपा से अनेक ऐसे नाम सामने आते हैं जो खरसियां के पांच गांव का भी दौरा नहीं किए रहते एवं न ही यहां के लोगों की मानसिकता एवं मुद्दे की समझ रखते हो। केवल अपनी राजनीतिक कैरियर को ऊपर लाने के लिए अपना नाम उछालने लगते हैं। आष्चर्य तो यह भी है की पार्टी ने इन्हें कभी जाति के आधार पर तो कभी ऊपरी पहुंच के आधार पर टिकट भी थमा देती है और यही कारण है कि हार का निरंतर नित नया रिकार्ड भाजपा ने कायम किया है।
खुद के दावेदारी के लिए पढ़े कसीदे
अग्रवाल की ओर से जारी विज्ञप्ति में खुद की दावेदारी अन्य से बेहतर क्यों है इस बात की भी पूरी व्याख्या की गई है। उन्होंने लिखा है कि ऐसा भी नहीं है कि खरसियां विधानसभा में भाजपा के पास सक्षम, लोकप्रिय तथा जमीनी पकड़ वाले नेता नहीं है। कम से कम ऐसे चार नेता है जो लम्बे समय से पार्टी के लिए लगातार जनता के लिए काम कर रहे हैं।
अगर बड़े नेताओं को छोड़ दे ंतो एक सर्वाधिक लोकप्रिय एवं निर्विवाद, विनम्र व्यवहार के धनी पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष एवं जिला सदस्यता अभियान प्रभारी विजय कुमार अग्रवाल (किरोड़ीमलनगर) ने पूरे विधानसभा क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना रखी है। लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं एवं आम जनता के सुख-दुख में 20-25 वर्षों से उनके साथ खड़े नजर आते हैं। यही कारण है कि कार्यकर्ताओं एवं जनता के मध्य ये काफ ी लोकप्रिय है एवं पार्टी इन्हें मौका दे तो नंदेली हाउस के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
नरेश पटेल के व्यहार पर सवाल
जारी विज्ञप्ति में पार्टी के अन्य टिकट दावेदारों की जमकर पोल खोली गई है इसमें कहा गया है कि टिकट के लिए दूसरा चेहरा जिला पंचायत के अध्यक्ष नरेश पटेल हैं जो काफ ी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं एवं कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाकर जिला पंचायत का चुनाव जीता था। दिक्कत यह है कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष बनने के बाद अपने कठोर व्यवहार के कारण अपने क्षेत्र में ही इनकी स्थिति कमजोर बताई जाती है।
कमल गर्ग ने सिर्फ बनाए अपने विरोधी
विज्ञप्ति में तीसरा नाम नगर पालिका खरसियां के अध्यक्ष कमल गर्ग का है जो युवा एवं तेज तर्रार नेता माने जाते हैं। इनके साथ ही नगर पालिका अध्यक्ष का पद प्राप्त करने के बाद बड़ी संख्या में अपने विरोधी बना लिए एवं इनके परिवार का व्यवसाय एवं खरसियां निवासी होना भी इनके लिए दिक्कत खड़ी कर सकता है।
रावालानी पर भी साधा निशाना
अग्रवाल की ओर से जारी विज्ञप्ति में खरसिया नेता रावालानी पर भी निशाना साधा गया है। कहा गया है कि दावेदारों में एक अन्य नाम श्रीचंद रावलानी का भी है जो पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं एवं चुनाव लडऩे के इच्छुक बताए जाते हैं। परंतु इनका खरसियां शहर में ही प्रबल विरोध भी है।
इस नाम को बुझो तो जानें
विज्ञप्ति में एक और नाम का उल्लेख है जिसका नाम नहीं लिया गया है कहा गय है कि और अंत में एक चेहरा और भी चर्चा में हैं जिनका नाम लेना उचित नहीं होगा पर वो इसी क्षेत्र के निवासी एवं शासकीय अधिकारी भी हैं जिनकी लोकप्रियता पूरे प्रदेश में है। यदि इस तुरुप के इक्के को पार्टी मैदान में उतारती है तो निश्चित मानिए की इस बार भाजपा की गिनती एक नहीं दो से शुरू होगी।
महेश को दिया टिकट तो होगा विरोध, हारेगी पार्टी
विज्ञप्ति में कहा गया है कि एक और दावेदार की भी चर्चा है, जिसमें साहू समाज के अध्यक्ष एवं कोसमनारा में प्रसिद्ध बाबाधाम से जुड़े नेता महेश साहू हैं। इन पर दांव खेलने में भाजपा का कहीं न कहीं नए एवं स्थापित नेताओं का विरोध इनके लिए बड़ी हार का कारण भी बन सकता है।
Published on:
03 Aug 2018 03:39 pm
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