
पार्ट टाइम डाक्टर के भरोसे चल रहा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का सोनोग्राफी सेंटर
रायगढ़. मेडिकल कालेज अस्पताल में मरीजों को सोनोग्राफी कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। यहां एक दिन में मात्र १५-२० लोगों की ही सोनोग्राफी हो पाती है। जिससे मरीज व उसके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालत यह है कि यहां अब तक एक भी डॉक्टर की पदस्थापना नहीं की गई है। यह सोनोग्राफी सेंटर शुरूआत से ही पार्ट टाइम डॉक्टर के भरोसे संचालित हो रहा है।
मेडिकल कालेज अस्पताल में कहने को तो नई सोनोग्राफी मशीन लगा दी गई है, लेकिन डाक्टर की कमी होने के कारण इसका खामियाजा मरीजों व उसके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। इस संबंध में घरघोड़ा से आई मरीज सुकांती बंजारे ने बताया कि उसकी डिलीवरी का समय नजदीक आ गया है। इस कारण वो लगातार अस्पताल के चक्कर काटने को मजबूर है। सुकांती अपने परिजनों के साथ गत सात अक्टूबर को चेकअप के लिए अस्पताल आई थी। इस दौरान डाक्टरों द्वारा जांच करने के बाद बताया गया कि पहले सोनोग्राफी करा कर आओ क्योंकि अब डिलीवरी का समय आ गया है।
इस कारण सुकांती अस्पताल से पर्ची कटाने के लिए दो दिन तक दौड़ती रही, तब कहीं जाकर उसको पर्ची मिल पाई। इसके बाद जब सोनोग्राफी कराने के लिए पहुंची तो वहां यह कहा गया कि सोनोग्राफी कल ही हो पाएगा, क्योंकि अभी पहले की यानि पुरानी कटी पर्ची पेंडिंग हैं। इन लोगों के होने के बाद ही उसकी सोनोग्राफी हो पाएगी। इस कारण सुकांती अपने परिजनों के साथ घरघोड़ा वापस लौट गई। वह ९ अक्टूबर को जब दोबारा अस्पताल पहुंची तो उसका नंबर नहीं आया था। उसे फिर से कहा गया कि उसका नंबर कल ही आ पाएगा। इसके बाद उसके परिजनों ने कहा कि दिनों दिन से देर हो रही है। इससे अच्छा है कि बाहर से ही सोनोग्राफी करा लिया जाए। इस कारण इन लोगों ने ज्यादा पैसा देकर बाहर से सोनोग्राफी कराकर सुकांती का चेकअप कराया।
कटती है मात्र है 20 पर्ची
सुबह से सोनोग्राफी के लिए पर्ची कटनी शुरू होती है और जैसे ही २० लोगों की पर्ची कट जाती है बाकी मरीजों को दूसरे दिन बुलाया जाता है। ऐसे में जिस मरीजों को इमरजेंसी होती है उनको बाहर से ही सोनोग्राफी करानी पड़ती है। जिससे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
फुल टाईम डाक्टर की तैनाती नहीं
मेडिकल कालेज अस्पताल में सोनोग्राफी करने के लिए दो घंटे के लिए एक डाक्टर को पार्ट टाइम पर बुलाया जाता है। इस दो घंटे में ही जो मरीज आते हैं उनकी सोनोग्राफी हो पाती है। देर से आने वाले मरीजों को अगले दिन का समय दिया जाता है। जिससे तात्कालिक मरीजों को दिक्कत होती है। जिले के सबसे बड़े अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए रेग्यूलर पोस्ट नहीं होने से मरीजों को काफी दिक्कत होती है। सबसे अधिक परेशानी दूर दराज के मरीजों को होती है।
Published on:
19 Oct 2018 06:35 pm
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