नगर निगम के अधिकारी बारिश से पहले सड़कों की हालत दुरुस्त किए जाने को लेकर तेज गति से काम कर रहे थे। वहीं पहले 10 करोड़ का टेंडर कराया गया तो इसके बाद कुछ समय बाद ही 20 करोड़ रुपए के कार्यों का टेंडर लगाया गया, लेकिन इस गति में तब ब्रेक लग गया जब ठेेकेदारों ने अधिक पर भरते हुए टेंडर फार्म जमा किया। वहीं इसके अलावा कुछ बीटी सड़क व सीसी सड़क निर्माण के लिए टेंडर फार्म ही जमा नहीं किए गए। हालांकि जिन सड़कों पर टेंडर फार्म जमा नहीं किया गया था वह स्वत: निरस्त हो गया। वहीं जिन सड़कों के निर्माण के अधिक दर आए थे। उन ठेकेदारों से निगम के अधिकारियों ने चर्चा किया, ताकि आपसी सामाजस्य स्थापित करते हुए दर को कम किया जा सके, लेकिन इसमें वे सफल नहीं हुए। ऐसे में टेंडर को निरस्त किया गया। टेंडर निरस्त होने के बाद इसकी प्रक्रिया फिर से शुरू की गई।
नाली बनी सड़क के लिए इंतजार
निरस्त होने वाली सड़क में एक सड़क वार्ड क्रमांक १६ स्थित राजा शुक्ला घर से होंडा शो रूम तक का कार्य भी है। यहां सड़क निर्माण के लिए करीब ३९ लाख रुपए का टेंडर किया गया था, जिसे लेने कोई ठेकेदार नहीं आया। खास बात यह है कि इस सड़क के किनारे नाली निर्माण किया जा चुका है, लेकिन सड़क अब तक नहीं बन सका। इससे जर्जर सड़क पर आवागमन करने में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।