
छत्तीसगढ़ का रण
रायगढ़ पत्रिका @ चूड़ामणि साहू। CG Election 2023: जिले के चार विधानसभा सीटों में रायगढ़ विधानसभा सामान्य सीट है। यहां भाजपा व कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों के बीच सीधा मुकाबला है। पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार के चुनाव में मतदाता ज्यादा जागरूक दिख रहे हैं। सेंट्रल घोषणा पत्र के अलावा मतदाताओं में यह जानने के लिए ज्यादा जिज्ञासा है कि विधानसभा क्षेत्र में विकास के लिए उम्मीदवारों का अपना विजन क्या है।
छत्तीसगढ़ बनने के बाद से रायगढ़ विधानसभा सीट से किसी भी विधायक दोबारा विधायक बनने का मौका नहीं मिल रहा है। इस बार रायगढ़ सीट से 19 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। हालांकि सीधा मुकाबला यहां भाजपा व कांग्रेस के बीच में है। इसके पीछे कारण यह है कि मतदाता अब प्रत्याशियों के विजन पर चर्चा कर रहे हैं। उनका कहना है कि सेंट्रल स्तर पर पूरे प्रदेश के लिए पार्टियों के द्वारा घोषणा पत्र तैयार किया जाता है। वहीं स्थानीय स्तर पर उम्मीदवारों ने विधानसभा के विकास में क्या प्लानिंग की है। यह ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसके पीछे वे कारण यह बताते हैं कि जिला एक होने के बाद भी हर विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग समस्या व अलग अलग आवश्यकता होती है।
इस समस्या को नहीं करते हल: रायगढ़ विधानसभा की प्रमुख समस्या में प्रदूषण और बेरोजगारी है। औद्योगिक नगरी होने के नाते यहां के मतदाता और उनका परिवार प्रदूषण की समस्या झेल रहा है। हालात तो यहां तक है कि रात को फर्स धोकर सोने के बाद जब लोग सुबह उठते हैं तो उद्योगों से निकलने वाले डस्ट की मोटी परत फर्स पर जमी रहती है। यह निर्वाचित जनप्रतिनिधि के घर पर भी होता है, लेकिन इसके लिए विधानसभा आवाज नहीं उठाई जाती और यदि विधानसभा में आवाज उठाई भी जाती है तो इसमें क्षेत्र के लोगों का हित नहीं हो पाता। दूसरी बड़ी समस्या यहां बेरोजगारी की है। जिले में जितने उद्योग लगे हैं उस हिसाब से यहां के लोगों को रोजगार नहीं मिल पाता। इसके पीछे कारण यह है कि यहां के उद्योगों को जिस तकनीक के कर्मचारियों की आवश्यकता होती है उस तकनीक की पढ़ाई के लिए यहां संस्थान ही नहीं है। ऐसे संस्थान खुलवाने के लिए कोई पहल नहीं की गई।
धरे के धरे रह गए पुराने मुद्दे: वर्ष 2018 में कांग्रेस के स्थानीय घोषणा पत्र पर गौर करें तो इसमें संजय कॉम्प्लेक्स सब्जी मंडी का जीर्णोंद्धार करना था। इसकी राशि दो साल पहले आ चुकी है, लेकिन जीर्णोंद्धार के नाम से एक ईंट नहीं रखी जा सकी। डेंगू से बचाव के लिए सरकारी अस्पताल में प्लेटलेट्स मशीन की स्थापना की बात कही गई थी, लेकिन यह भी नहीं हो सका। इस साल भी डेंगू ने शहर में कहर बरपाया। वहीं केलो परियोजना से छोटे किसानों को लाभ दिलाने की बात कही गई थी, लेकिन केलो परियोजना के पानी के लिए नेतनांगर के किसानों द्वारा किए आंदोलन को ही दबाया गया। वहीं अन्य मुद्दे भी थे, जो पूरे नहीं हो सके।
2023 के आंकड़े
कुल वोटर - 210255
कुल पोलिंग बूथ - 233
2018 में किसको कितना वोट
प्रकाश नायक - 69062
रोशन लाल अग्रवाल - 54482
विजय अग्रवाल - 42914
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बड़े किसानों को मिलता है लाभ
प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों के किए गए कर्जामाफ योजना को लेकर ग्रामीण मतदाताओं का कहना था कि कर्जा माफ का लाभ बड़े किसानों को मिलता है। वे बड़े स्तर पर कर्जा लेते हैं, लेकिन छोटे किसान बैंक की प्रक्रिया को झंझट समझ वहां से कर्जा लेने की बजाए पड़ोसी या किसी पहचान वाले से कर्जा लेता है, जिसे वे फसल की बिक्री के साथ ही चुकता कर देता है। ऐसे में इसका लाभ छोटे किसानों को बहुत कम ही मिला है।
प्रत्याशी की छवि स्वच्छ हो। क्षेत्र की विकास के बारे में ध्यान रखते हुए खेती किसानी को बढ़ावा देने की योजना को लेकर आए। गांव क्षेत्र में खेल मैदानों को विकसित करने की सोच रखता हो। - सुभाष मालाकार, किसान
ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें बदहाल है। स्कूल शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरुरत है। बिजली व पानी की समुचित व्यवस्था करने का विजन रखने वाले प्रत्याशी को जीत होना चाहिए। - अभिमन्यु श्रीवास, ग्रामीण
क्षेत्र की विकास ठप्प है और यहां के लिए कई योजनाओं को धरातल पर लाने की जरुरत है। विकास की बातें सब करते हैं। जीतने के बाद ध्यान हटा देते हैं। इससे जनता को परेशानी हो रही है। - मोहित पटेल, ग्रामीण
जिला मुख्यालय का विधानसभा रायगढ़ है, यहां जितना विकास होना चाहिए उस हिसाब से नहीं हुआ। अभी भी प्रमुख समस्या में दैनिक सब्जी मंडी खड़ी हुई है। चुनाव कोई भी जीत स्वीकृत कार्य तो पूरा हो। - बलराम राठौर, व्यवसायी
Published on:
11 Nov 2023 03:30 pm
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