
लगातार बारिश होने से नदी-नाले उफान पर (photo PAtrika)
CG News: प्रदेश में 26 जुलाई को कई स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। तटीय पश्चिम बंगाल क्षेत्र में बने अवदाब के कारण बारिश होगी। 28 जुलाई से प्रदेशभर में वर्षा की गतिविधियों में कमी आएंगी। झमाझम बारिश का असर है कि प्रदेश में सामान्य से 10 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। अब तक 543.4 मिमी पानी गिरा है। वहीं रायपुर जिले में सामान्य से 8 फीसदी ज्यादा 465.9 मिमी पानी गिरा है।
15- रघुनाथनगर, मुकडेगा, सुकमाऔर बरपाली।
13- पोड़ी-उपरोड़ा, बड़े बचेली, कुटरू
12- बिहारपुर, 11- धर्मजयगढ़
10- वाड्रफनगर, दंतेवाड़ा, भोथिया, कोचली, शिवरीनारायण, पसान, जांजगीर, बलौदा
9- बीजापुर, ओरछा, बिलाईगढ़, भैरमगढ़, नवागढ़, दरभा, चांदो, बम्हनीडीह, भटगांव, बलरामपुर, अड़भार
8- छोटे डोंगर, गंगालूर, छिंदगढ़, जैजैपुर, पामगढ़, भैसमा, सरगांव, कुआकोंडा, बरमकेला, कटघोरा।
बिलासपुर और अंबिकापुर संभाग के नदी-नाले उफान पर हैं। 24 घंटे से रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कॉलोनियों और सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया है। नदी-नालों के पुलों पर पानी होने के कारण, इसे पार करते हुए दोनों संभागों में 12 लोग बह गए। जिसमें 10 लोग बचा लिए गए, वहीं एक मासूम समेत दो लोग लापता हैं। जांजगीर जिले में एक व्यक्ति का शव नाले से बरामद किया गया है।
जांजगीर-चांपा के शिवरीनारायण थाना क्षेत्र के रिंगनी-कुकदा के बीच उफनते नाले को पार करते समय चालक कार सहित उसमें समा गया। गनीमत रही कि वह तैरकर बाहर आ गया लेकिन उसकी कार डूब गई। इसी तरह बम्हनीडीह ब्लॉक के 10 से अधिक गांवों के किनारे से बह रहे जमड़ी नाले के ऊपर चार फीट पानी बहने से आवाजाही बंद है। मालखरौदा ब्लाक के सपनाई नाला तीन दिनों से ओवरफ्लो है। हसदेव नदी व महानदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है।
सीपत क्षेत्र में मंदिर दर्शन कर लौट रहे मोहनलाल की कार तुंगन नाले में बह गई। कार सवार ९ में से ८ ने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई, लेकिन ३ साल का मासूम बह गया। जिसका पता नहीं चला है।
2 महिला, 2 पुरुष और 5 बच्चे सवार थे। देखते ही देखते नाले में कार करीब 60 फीट दूर बह गई। इस दौरान 8 लोग किसी तरह पानी के तेज बहाव में कार का दरवाजा खोलकर बाहर निकले। लेकिन एक तीन साल का बेटा तेजस बह गया। जिसका पता नहीं चला है।
सरगुजा के मैनपाट में मछली नदी की पुलिया पार कर रहे बाइक सवार दो लोग बह गए, इनमें से एक तैरकर निकल गया। दूसरे का पता नहीं चल सका 13 साल बाद डेम के सभी ८ गेट खोल दिए गए हैं।
इधर घुनघुट्टा नदी के उफान पर रहने के कारण 13 साल बाद डेम के सभी आठ गेट खोल दिए गए हैं। इसके आसपास के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
Updated on:
26 Jul 2025 09:42 am
Published on:
26 Jul 2025 09:39 am
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