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Diwali 2023: घर का कोना-कोना दमका, मां लक्ष्मी के स्वागत में जले 13 दीप

Diwali 2023: धनतेरस पर जितना उत्साह दिनभर नई-नई वस्तुएं, कपड़े आदि खरीदने में रहा। उससे दोगुना घर पहुंचने पर खुशियों की रौनक से घर का कोना-कोना दमका।

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Diwali 2023: घर का कोना-कोना दमका, मां लक्ष्मी के स्वागत में जले 13 दीप

Diwali 2023: घर का कोना-कोना दमका, मां लक्ष्मी के स्वागत में जले 13 दीप

रायपुर। Diwali 2023: धनतेरस पर जितना उत्साह दिनभर नई-नई वस्तुएं, कपड़े आदि खरीदने में रहा। उससे दोगुना घर पहुंचने पर खुशियों की रौनक से घर का कोना-कोना दमका। शाम होते हुए द्वार-द्वार रंगोली सजाई गई और 13 दीपों से मां लक्ष्मी के आगमन का स्वागत हुआ। इस दौरान जमकर मोहल्ले और कॉलोनियों में पटाखे फूटे। बच्चों के साथ बड़े भी काफी उत्साहित थे। मंदिरों में भगवान धन्वंतरि की आरती-पूजा करके जयंती उत्सव मनाया गया। अब 12 नवंबर को दिवाली पर्व धूमधाम से मनेगा।

इसी उत्साह और उल्लास के माहौल में शुक्रवार को पांच दिनी दिवाली त्योहार की शुरुआत हुई। लोगों ने धनतेरस पर विधि-विधान से धन कुबेर की पूजा-अर्चना कर भगवान धन्वंतरि की जयंती मनाई। रोग-दोष से मुक्ति की प्रार्थना की। आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि धनतेरस के दिन ही अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। ऐसे पौराणिक मान्यताएं हैं। इसलिए इस अवसर पर भनपुरी और रायपुरा में दमा और खांसी की दवाइयां भी वैद्यों से लेने के लिए लोग पहुंचे।

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आज धनतेरस और रूपचौदस साथ-साथ

पंडितों के अनुसार इस बार दो दिन धनतेरस का संयोग बना है। इसलिए बाजारों में जहां अच्छा कारोबार होगा। वहीं कार्तिक कृष्णपक्ष की पूर्ण त्रयोदशी तिथि का व्रत रखने का विधान शनिवार को ही है। दोपहर दो बजे से पहले व्रती पूजन-आरती करेंगे। क्योंकि इसके बाद चतुर्दशी यानी की रूप चौदस मनाई जाएगी। शाम के समय यम के नाम पर पांच दीप जलाने का विधान हैं। इसी दिन माताएं और बहनें महालक्ष्मी पूजन के लिए तैयारी पूर्ण करती हैं।

कल दीपोत्सव की धूम

रविवार को दीपोत्सव की धूम रहेगी। घर-आंगन दीप मालाओं से सजेंगे। वहीं शहर के प्राचीन दूधाधारी मठ में भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक का उल्लास रहेगा। सोने के मुकुट से भगवान राम, सीता का विशेष अभिषेक कर महाआरती की जाएगी।

दिवाली के बिहान भी अमावस्या इसलिए गोवर्धन पूजा की तिथि बढ़ी

महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार 12 नवंबर को प्रदोषयुक्त अमावस्या होने से दिवाली पर्व मनेगा। इसके दूसरे दिन 13 नवंबर को भी अमावस्या तिथि होने के कारण सोमवती अमावस्या की पूजा-अर्चना की जाएगी। प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजन का पौराणिक विधान है, इसलिए यह उत्सव 14 नवंबर को मनना शास्त्र सम्बत है। 15 नवंबर को भाईदूज है।

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