
Supreme Court : प्रदेश में 2018 के बाद 2 बार सहायक शिक्षकों की भर्ती हुई है। 2013 और 2019 में हुई इन भर्तियों में 13 हजार सहायक शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने बीएड किया है। अब इनके सिर पर नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है। मामला एनसीटीई, केंद्र के गजट, राजस्थान हाईकोर्ट और देश की सर्वोच्च न्यायालय से जुड़ा है।
दरअसल, 2009 में एनसीटीई ने तय किया कि डीएड वाले ही प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाएंगे। डीएड करने वाले कम थे। ऐसे मे स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली रहने लगे। (b.ed teacher) एनसीटीई के प्रपोजल पर 2018 के गजट में इस बात का जिक्र किया गया कि बीएड वाले दोबारा प्राइमरी स्कूलों की भर्ती में शामिल हो पाएंगे। (govt job) 2018 में राजस्थान में प्राइमरी स्कूल के लिए सहायक शिक्षकों की भर्ती निकली।
13 thousand assistant teachers fired job : इसमे बीएड वालों को नहीं बुलाया गया। मामला राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने कहा कि बीएड वालों को भर्ती में शामिल होने दिया जाए। साथ ही उन्होंने एनसीटीई के फैसले को लागू करने के तरीके को गलत ठहराया। (cg govt job) मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि बीएड वालों को प्राइमरी में शामिल करने का जो फैसला लिया गया, उसके लिए कोई कमेटी नहीं बनाई गई। (B.ed teachers) ऐसे में अगर एनसीटीई का वो नियम खारिज कर दिया जाता है तो प्रदेश के 13 हजार सहायक शिक्षकों की नौकरी जा सकती है। (government job) मामले में सुप्रीम कोर्ट में 18 जनवरी को सुनवाई होनी है।
Published on:
16 Jan 2024 11:33 am
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
