
रायपुर. ईओडब्ल्यू ने जेल भेजने की धमकी देकर अफसरों से अवैध वसूली करने वाले दो पुलिसकर्मियों और एक एक्टिविस्ट को गिरफ्तार किया है। वह अफसरों के खिलाफ शिकायतों और प्रकरणों की जानकारी जुटाने के बाद उन्हें फोनकर धमकी देते थे। साथ ही मुंहमांगी रकम देने पर उनके पुराने प्रकरण का खात्मा कराने का झांसा देते थे।
ईओडब्ल्यू के चीफ शेख आरिफ हुसैन ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता लेकर बताया कि पिछले काफी समय से एसीबी और ईओडब्ल्यू की आड़ लेकर वसूली करने की शिकायत मिल रही थी। इसकी जांच करने के बाद बर्खास्त एसआई सत्येन्द्र सिंह वर्मा भाटापारा, निलंबित एएसआई विनोद वर्मा और एक्टिविस्ट राकेश तराटे को गिरफ्तार किया गया है। तीनो ही रैकेट बनाकर ब्लैकमेल कर वसूली करते थे। इसके लिए पुराने प्रकरणों की जानकारी जुटाते थे। एक बार रकम देने के बाद हर महीने वसूली करने पहुंच जाते थे।
रिश्वतखोरी के आरोप में जेल
रिश्वतखोरी के आरोप में बर्खास्त एसआई सत्येंद्र सिंह वर्मा जेल जा चुका है। जेल से रिहा होने के बाद वह ईओडब्ल्यू और एसीबी के नाम पर वसूली कर रहा था। बलौदाबाजार के एक पटवारी को पुराने प्रकरण से बरी कराने का झांसा देकर 5 लाख रुपए मांगे थे। इसी तरह लेनदेन करने वाले आरोपी एएसआई विनोद वर्मा को भी निलंबित कर दिया गया था।
इसके बाद से वह खुद को ईओडब्ल्यू का कर्मचारी बताकर वसूली कर रहा था। पिछले दिनों वन विभाग के एक अफसर को जेल भेजने की धमकी देकर 10 लाख रुपए मांगे थे। रकम नहीं देने पर किसी भी दिन जेल भेजने की धमकी देने पर उसके द्वारा रकम भी जमा कराई गई थी। इसी तरह आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश तराटे सूचना के अधिकार के नाम पर जानकारी जुटाने के बाद ब्लैकमेल करता था।
आरोपियों के सहयोगियों की तलाश
ईओडब्ल्यू के चीफ ने बताया कि तीनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके अन्य साथियों की तलाश कर रही है। उनके कुछ सहयोगियं की जानकारी मिली है। आरोपियों से पूछताछ कर इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों को भी जल्दी ही गिरफ्तार किया जाएगा।
Published on:
06 Nov 2020 10:18 pm
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