
गिरफ्तार आरोपी फिटनेस ट्रेनर। जो मसल्स बनाने के नाम पर युवाओं को करता था गुमराह।
रायपुर. सुडौल और गठीला शरीर बनाकर मिस्टर छत्तीसगढ़ बनने के चक्कर में एक युवक की जान पर बन आई है। जिम में कम समय में शरीर को मजबूत और आकर्षक बनाने के लिए युवक ने कई तरह की विदेशी शक्तिवर्धक दवाओं और इंजेक्शन का इस्तेमाल किया। इससे उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे गंभीर अवस्था में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालात चिंताजनक बनी हुई है। इसकी शिकायत पर पुलिस ने दो फिटनेस ट्रेनरों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर एक ट्रेनर को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक महोबा बाजार हर्षित इंक्लेव निवासी 23 वर्षीय संदीप सिंह ठाकुर को बॉडी बनाने का शौक था। वह जिम जाता था और बॉडी बिल्डिंग में मिस्टर छत्तीसगढ़ का खिताब जितना चाहता था। करीब तीन माह पहले उसका संपर्क संन्यासीपारा निवासी सुमीत राय चौधरी और मुंबई के निलेश परमार से हुआ। दोनों ने खुद को फिटनेस ट्रेनर बताया और दावा किया कि संदीप को ट्रेनिंग देकर बॉडी बिल्डिंग का चैम्पियन बनवा देगा।
ट्रेनरों की सलाह के बाद संदीप बॉडी बनाने के चक्कर में वजन और ताकत बढ़ाने वाली दवाइयों का इस्तेमाल करने लगा। इसके बाद धीरे-धीरे शरीर बढ़ाने और मजबूत करने के लिए इंजेक्शन लेने की भी सलाह दी। इससे उसको कुछ फायदा होने लगा। फिर धीरे से आरोपियों ने उसका डोज बढ़ा दिया और एक तरह से संदीप को दवाई और इंजेक्शन का आदी बना दिया। करीब 15 दिन पहले संदीप ने इसकी डोज बढ़ा दी थी। एक दिन में 5 इंजेक्शन व टेबलेट लेने लगा। इससे दवाओं का साइड इफैक्ट होने लगा और उसकी तबीयत खराब हो गई। शनिवार की रात उसकी तबीयत Óयादा खराब हो गई। उसके पूरे शरीर में जहरीला पदार्थ फैल गया।
इन दवाइयों का किया था सेवन
संदीप ने ट्रेनरों की सलाह पर टेस्टोस्टीरियोन प्रोपियोनेट, ट्रेनेआस-100, विंस्ट्रोल-75, मास्टरऑन-100, टेस्टो ई-300, अनावर-10, क्लीन-60 टाइगर रेंज, आर्मोटराज, मसल्स साइंस, मल्टीपरक्स, सोमा ट्रोपीन-60 दवाओं और इंजेक्शन का सेवन किया है। इनमें से अधिकांश विदेशी फार्मा कंपनियों की दवाएं हैं।
लाइसेंस लेना अनिवार्य
राजेश शुक्ला, सहायक नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने बताया, जिम में यदि पाउडर या अन्य खाद्य सामग्री बेची जा रही है तो खाद्य विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। यदि ऐसा नहीं हो रहा तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
किडनी पर विपरीत असर
डॉ. वीएन मिश्रा, एचओडी, मेडिसिन विभाग, आंबेडकर अस्पताल, रायपुर का कहना है कि बिना डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह के पाउडर, कैप्सूल या टेबलेट लेने से किडनी डैमेज होने की आशंका Óयादा होती है। जिम में मिलने वाले पाउडर में कैरेटीन की मात्रा अधिक होती है।
शक्तिवर्धन दवाओं का हर महीने एक करोड़ का कारोबार
अक्सर Óयादातर लोगों की चाहत होती है की वह अ'छी बॉडी बनाएं, जिससे वह अन्य लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकें। इसके लिए वह जिम में जाकर घंटों पसीना बहाते हैं तथा बिना किसी डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह के पाउडर, कैप्सूल या टेबलेट का प्रयोग करते है। जिम संचालक भी बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से ऐसे पाउडर, कैप्सूल या टेबलेट को बेच रहे हैं। प्रदेश में हर माह ऐसे पाउडर, कैप्सूल या टेबलेट का करीब एक करोड़ रुपए का कारोबार हो रहा है। राजधानी में ही करीब 50 लाख का कारोबार है। विशेषज्ञों का कहना है कि आजकल युवाओं में बॉडी बनाने का बहुत क्रेज है। कई युवा तो ऐसे है, जो चाहते हैं कि उनकी बॉडी 8 से 10 माह के अंदर ही बन जाए। इसके लिए वह दवाओं का उपयोग करने लगते हैं। इससे जितनी जल्दी बॉडी बनती है, उतनी ही जल्दी इसका बुरा असर भी शरीर पर दिखने लगता है। कई युवाओं को जिन्होंने बॉडी बनाने के लिए शॉर्टकट रास्ता अपनाया, यही चीज उनकी मौत का कारण भी बन जाती है।
Published on:
11 Nov 2019 02:28 am
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