scriptWater Crisis: छत्तीसगढ़ के 81.08 फीसदी घरों में नल लगे, लेकिन पानी नदारद… देखें जल जीवन मिशन की हकीकत | 81.08% of Chhattisgarh's homes have taps but no water | Patrika News
रायपुर

Water Crisis: छत्तीसगढ़ के 81.08 फीसदी घरों में नल लगे, लेकिन पानी नदारद… देखें जल जीवन मिशन की हकीकत

Water Crisis: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वकांक्षी जल जीवन मिशन योजना का क्रियान्वयन काफी धीमी गति से हो रहा है।

रायपुरJun 01, 2025 / 08:20 am

Khyati Parihar

CG News, CG Water Supply

Water crisis ( File Photo – Patrika )

रायपुर @ राहुल जैन। Water Crisis: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वकांक्षी जल जीवन मिशन योजना का क्रियान्वयन काफी धीमी गति से हो रहा है। इसका बड़ा कारण पूर्ववर्ती सरकार में कामकाज में देरी से शुरुआत, कोरोना संक्रमणकाल, ठेकेदारों की लापरवाही और मनमर्जी के साथ की गड़बडि़यां बड़ा कारण है। स्थिति यह है कि जल जीवन मिशन के काम में छत्तीसगढ़ देश के 26वें पायदान पर खड़ा है।
छत्तीसगढ़ में अभी तक जल जीवन मिशन के 81.08 फीसदी घरों में ही नल कनेक्शन लगा है। पत्रिका टीम ने प्रदेश के 33 जिलों में जल जीवन मिशन के कार्यों का आकलन किया। इसमें सबसे पिछड़ा जिला नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर है। इसका भारत में 678 वां रैंक है। हालांकि केंद्र सरकार ने योजना को 2028 तक के लिए बढ़ा दिया है। इससे अब समय रहते योजना पूरी होने की उम्मीद की जा सकती है।

Water Crisis: जल स्रोत से नहीं जुड़ी 1045 योजना

जल जीवन मिशन में बड़े पैमाने पर लापरवाही और गड़बड़ी सामने आई है। सरकार ने बहुत से मामलों में कार्रवाई की है, लेकिन संतोषजनक नहीं है। राज्य में 32,215 योजनाओं में से 1,045 योजनाएं जल स्रोत से जुड़ी नहीं हैं। इसे लेकर समय-समय पर विधानसभा में भी हंगामा होता रहा है। इस पर डिप्टी सीएम अरुण साव का कहना है कि संबंधित ठेकेदारों को काम का पूरा भुगतान नहीं किया गया। काम पूरा होने बाद ही पूरा भुगतान किया जाएगा।

कबीरधाम: 239 गांवों में ही शत प्रतिशत पानी की सप्लाई

कबीरधाम जिले में 959 गांव हैं। इसमें से 239 गांवों में ही शत प्रतिशत पानी की सप्लाई हो रही है। जबकि योजना के तहत 1062.18 करोड़ रुपए मंजूर हुए है। इतने साल बीतने के बाद भी में 1 लाख 76 हजार 390 ग्रामीण परिवार को घरेलू नल कनेक्शन मिला है। यह लक्ष्य लगभग 83.60 फीसदी है। कुछ गांवों में नल कनेक्शन लगे हैं, लेकिन पानी टंकी तैयार नहीं है। पानी टंकी तैयार है तो पंचायत उसे लेने को तैयार नहीं है। कहीं बिजली की समस्या भी सामने आ रही है।

राजनांदगांव: ठेकेदार ने काम पूरा ही नहीं किया

यहां 497 गांवों में पानी की टंकी बननी थी। अब तक 300 गांव में ही टंकियां बनी हैं। ठेकेदारों ने वर्क ऑर्डर लेने के बाद कहीं काम अधूरा छोड़ दिया, तो कहीं शुरुआत ही नहीं किए हैं। इसके चलते 98 गांव के टेंडर का निरस्त कर नए सिरे से टेंडर कॉल करने की नौबत आ गई है। ठेकेदारों को जमानत राशि राजसात की गई। मिशन के तहत 60 से ज्यादा गांवों में बोर खनन कराने के बाद भी पानी नहीं निकला। ऐसे गांवों को दूसरी योजना के जरिए पानी देने की तैयारी है।

दुर्ग: 167 गांवों के लोगों को अब भी पानी का इंतजार

यहां अब तक सिर्फ 218 गांवों में पेयजल सप्लाई शुरू हो पाया है। वहीं 167 गांवों के लोगों को अब भी पानी का इंतजार है। यहां टंकी नहीं बन पाई है या फिर पाइप लाइन नहीं जुड़ पाए हैं। जल जीवन मिशन के तहत 240 करोड़ के काम मंजूर हुए थे। 385 ग्राम पंचायतों के करीब 1 लाख 54 हजार 934 हाउस होल्ड हैं। इन घरों तक नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध जल पहुंचाने हर गांव के लिए कोई न कोई प्रोजेक्ट स्वीकृत लेटलतीफी के कारण अब भी कार्य आधे-अधूरे हैं।
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महासमुंद: 60 प्रतिशत ही पानी टंकी बन सकी

यहां 1114 पानी टंकी निर्माण का लक्ष्य है। अब तक 630 पानी टंकी बन पाई है। 410 में निर्माण कार्य प्रगति पर है। इससे कई गांवों में शुद्ध पेयजल का इंतजार है। कार्य में लेटलतीफी को लेकर ठेकेदारों को नोटिस भी जारी हुई है। जिले में 2 लाख 40 हजार नल कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य है। अब तक 1 लाख 99 हजार घरों में नल कनेक्शन पहुंचा है। गर्मी के मौसम में लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। कई गांवों में बोर भी असफल हो रहे हैं।

बलौदाबाजार-भाटापारा: टंकी के लिए पानी का पॉइंट ही नहीं मिला

यहां ठेकेदारों ने पाइपलाइन बिछाने के बाद गढ्ढों की मरम्मत ठीक से नहीं की। यह ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गए। कई ग्रामों में आज तक टंकी का कार्य ही पूरा नहीं हुआ है। पूर्व विधायक के ग्राम लिमाही में बनाई गई टंकी के लिए पानी का पॉइंट ही आज तक नहीं मिला है। जबकि टंकी बनकर खड़ी है और पूरे ग्राम में नल कनेक्शन भी बिछाया जा चुका है। यहां जल जीवन मिशन के तहत अब तक करीब 81 फीसदी ही काम हुआ है।

रायगढ़: नल का कनेक्शन मिला पर पानी नहीं

यहां 2 लाख 42 हजार घरों में नल कनेक्शन लगाना था। जबकि करीब 2 लाख घरों तक ही नल कनेक्शन लगा है। कई इलाके ऐसे हैं, जहां ठेकेदारों ने जल स्रोत के बिना ही नल कनेक्शन कर दिया। जब जांच हुई तो 325 साइट्स ऐसे थे, जहां जल स्रोत ही नहीं था। विभाग ने यहां दोबारा बोर वेल खुदाई कराई फिर भी लगभग 65 साइट्स ऐसी पाई गई है जहां जल स्रोत ही नहीं मिला। इस वजह से 65 ठेकेदारों का 6 करोड रुपए का भुगतान रोका गया है।

अंबिकापुर:धीमी गति से चल रहा है काम

यहां 4 मल्टी विलेज (प्राथमिकता से काम पूर्ण किए जाने वाले) गांव हैं। इनमें ही विभाग काम नहीं करा पाया है। 4 मल्टी विलेज में देवी टिकरा, पोड़ी खुर्द–सलका, दरिमा–कर्जी एवं खैरबार हैं। इनमें 6 अक्टूबर 2023 में हुए वर्क–ऑर्डर वाले देवी टिकरा के काम में महज 30 फीसदी की प्रोग्रेस है। पोड़ी खुर्द–सलका का वर्क ऑर्डर 24 फरवरी 2024 को हुआ था। इसमें ठेकेदार ने लगभग 8 फीसदी ही काम किया है। दरिमा–कर्जी एवं खैरबार में तो काम की स्थिति नगण्य है।

इस तरह सवालों के घेरे में रहा काम

ब्लैक लिस्टेड फर्मों के खिलाफ एफआरआई नहीं

विधायक धरमलाल कौशिक ने विधानसभा के गत सत्र में सवाल उठाया था कि जल जीवन मिशन में गड़बड़ी करने वाले ठेकेदार मेजर्स बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर रायपुर, केके नैयर भंडारा महाराष्ट्र और बिहार के एक डेवलपर को ब्लैक लिस्ट किया गया, लेकि एक के खिलाफ भी एफआईआर नहीं हुई है। इस पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने एक्शन लेने की बात कही थी।

जल स्रोत नहीं बना दी टंकी

विधानसभा में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने जल जीवन मिशन योजना में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उनका आरोप था कि गांव में कोई जल स्रोत नहीं है। वहां भी टंकी बना दी और पाइपलाइन बिछा दी गई। इस पर डिप्टी सीएम ने कड़ी कार्रवाई करने की बात कहीं थी।

चेहते को काम देने का आरोप

पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने राज्यपाल को पत्र लिखकर जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। कंवर ने कहा है कि जल जीवन मिशन की शुरुआत के वक्त तत्कालीन अफसरों ने अपने चहेते ठेकेदार विन्ध्या टेलिलिंक्स लिमिटेड इपीसी को डीपीआर एवं अन्य कार्य का ठेका दिया था।

फैक्ट फाइल-1

घरों की कुल संख्या-4999004
नल कनेक्शन वाले घर-4053067
कुल काम का प्रतिशत-81.08

फैक्ट फाइल-2

एक नजर में जल जीवन मिशन की योजना
कुल योजना-32920

भौतिक रूप से पूरी-10602
आर्थिक रूप से पूर्ण-401
योजना पूरी होने के बाद सौंपी-6214
दो से तीन साल वाली योजनाएं-12616
तीन साल वाली योजनाए-16563ं-16563-16

सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले टॉप पांच जिले

जिला- भारत में रैंकिंग-प्रदेश में रैंकिंग

बीजापुर- 678-33
नारायणपुर-620-32
जशपुर-615-31
सूरजपुर-595-30
सरगुजा-594-29

सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले टॉप पांच जिले

जिला- भारत में रैंकिंग-प्रदेश में रैंकिंग
धमतरी-228-01
रायपुर-307-02
जांजगीर-चांपा-381-03
राजनांदगांव-397-04
दुर्ग-399-05

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