
सांप का रेस्क्यू करता युवक (photo PatriKa)
Nag Panchami 2025: @ताबीर। बारिश के मौसम में सांप निकलना आम बात है। लेकिन जब कोई जहरीला नाग या अजगर किसी के घर में घुस आए तो कुछ लोग होते हैं जो बिना डरे आगे बढ़ते हैं। नागपंचमी के मौके पर हमने बात की रायपुर और आसपास के बहादुर स्नेक रेस्क्यूअर से जो अब तक हजारों सांपों की जान बचा चुके हैं और इंसानों की भी।
ये लोग न सिर्फ हर कॉल पर बिना डरे मौके पर पहुंचते हैं, बल्कि लोगों को जागरूक भी करते हैं कि हर सांप जहरीला नहीं होता और मारना कोई समाधान नहीं। मोइज खान 20 वर्षों से सांपों और वन्यजीवों के संरक्षण और बचाव में जुटे हैं। उनकी संस्था छत्तीसगढ़ के विभिन्न इलाकों से अब तक 30,000+ सांपों का रेस्क्यू कर चुकी है। वे बताते हैं, कोरबा में एक छोटे कमरे में 15 फीट लंबा किंग कोबरा, पलंग के नीचे छिपा था। 1 घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।
मोहबाबाजार निवासी दिव्यांश महाजन ने बताया अब तक 2000+ रेस्क्यू कर चुका हूं। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया, रात 2 बजे एक घर में कोबरा घुस आया। जैसे ही रेस्क्यू शुरू किया लाइट चली गई। लोगों की मोबाइल फ़्लैश की मदद से सांप को संभालते हुए सुरक्षित निकाला गया।
लगभग 5000 स्नेक रेस्क्यू कर चुके कुहारी निवासी अवध बिहारी कहते हैं कि सांप पकड़ने से पहले सबसे जरूरी है उसकी पहचान और उसका नेचर समझना। संस्मरण साझा करते हुए बताया कि बीएसपी के सीवरेज टैंक में 15 फीट लंबा इंडियन रॉक पाइथन (अजगर) ने श्वान को निगल गया था। उसे निकालने में 6 घंटे लगे। ये मेरी जिंदगी का सबसे भयावह अनुभव था।
धरसींवा निवासी हिमांशु वर्मा ने 1000+ सांपों का रेस्क्यू किया है। वे कहते हैं, रेस्क्यू के दौरान सबसे मुश्किल होती है भीड़ को कंट्रोल करना। लोग छेड़छाड़ करते हैं, जिससे सांप गुस्से में हो जाता है। यह न सिर्फ हमारी बल्कि उनकी जान के लिए भी खतरा है।
जहरीले सांप: कोबरा, रसैल वाइपर, सामान्य करैत, किंग कोबरा
बिना जहर वाले सांप: धामन, ढोड़िया(पानी वाला सांप), सैंड बोआ, पट्टीदार डोरिया, कोरियाला
ज्यादा कॉल वाले इलाके: सड्डू, मोवा, कचना, सेजबहार,कमल विहार, फुंडहर, देवपुरी, डुंडा, दलदल सिवनी, माना बस्ती, टाटीबंध, सुंदर नगर, रविवि परिसर, समता कॉलोनी, डब्ल्यूआरएस कॉलोनी, धरमपुरा, पिरदा, कुहारी खहारडीह, रायपुरा
रेस्क्यू की चुनौतियां: संसाधनों की कमी, फंडिंग नहीं, रेस्क्यू किट, सांप को रखने की जगह और उन्हें छोड़ने वाहन की अनुब्लधता
सकारात्मक बदलाव: अब लोग सांपों को मारते नहीं, पहचानते हैं और कॉल करते हैं
क्या करें: सांप दिखे तो छेड़ें नहीं, दूरी बनाएं, तुरंत रेस्क्यू टीम को कॉल करें
(जैसा कि स्नेक कैचर्स ने पत्रिका को बताया)
घर के आसपास की घास और झाड़ियों को साफ रखे: सांप झाड़ियों और घनी घास में छिपते हैं। साफ-सफाई से उनका ठिकाना नहीं बनता।
दरवाजों और खिड़कियों पर जाली या रबर स्ट्रिप लगाएं: सांप छोटे-छोटे गैप से भी अंदर आ सकते हैं।
जूते, बैग या बोरी आदि बाहर न छोड़े: इस्तेमाल से पहले उन्हें उलट-पलट कर देखें, खासकर रात में।
घर के आसपास पानी जमा न होने दें: सांपों के साथ-साथ उनके शिकार (मेंढक, चूहे) भी पानी वाली जगहों पर आ जाते हैं।
रात में टॉर्च या मोबाइल की लाइट साथ रखें: अंधेरे में सांपों को न देख पाने का खतरा रहता है।
फर्श पर सोने से बचें: बारिश के समय सांप जमीन पर ज़्यादा सक्रिय होते हैं।
मच्छरदानी का उपयोग करें यह न सिर्फ मच्छरों से, बल्कि रेंगने वाले जीवों से भी सुरक्षा देती है।
अगर सांप दिखे तो खुद न पकड़े तुरंत किसी प्रशिक्षित स्नेक कैचर को बुलाएं या वन विभाग की मदद लें।
Updated on:
29 Jul 2025 02:01 pm
Published on:
29 Jul 2025 12:01 pm
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