26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब एक क्लिक में मिलेंगी सभी नगर सेवाएं, 192 नगरीय निकायों में सभी सुविधाएं होंगी ऑनलाइन, UPI से कर सकेंगे भुगतान

Raipur News: राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) प्रदेश के सभी 192 नगरीय निकायों में नागरिक सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन उपलब्ध कराएगा। यह पहल एक राज्य-एक प्लेटफार्म और डिजिटल छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को साकार करेगा।

2 min read
Google source verification
ऑनलाइन (Photo-IANS)

ऑनलाइन (Photo-IANS)

CG News: राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) प्रदेश के सभी 192 नगरीय निकायों में नागरिक सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन उपलब्ध कराएगा। यह पहल एक राज्य-एक प्लेटफार्म और डिजिटल छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को साकार करेगा। इसके एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा, जिसमें नागरिक सेवा पोर्टल, मोबाइल एप्लीकेशन, भवन अनुमति प्रणाली, वित्तीय प्रबंधन प्रणाली, शिकायत निवारण मॉड्यूल, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली, मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली तथा निर्णय सहायता डैशबोर्ड जैसी प्रमुख सेवाएं सम्मिलित होंगी।

ये सभी मॉड्यूल क्लाउड आधारित डेटा सेंटर से संचालित होंगे, जिससे सभी नगरों का डेटा सुरक्षित, एकीकृत और रियल-टाइम में उपलब्ध रहेगा। सूडा ने एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्म बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए टेंडर जारी हो गया है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, ई-गवर्नेस परियोजना सुशासन के नए युग की शुरुआत होगी। इससे नागरिकों को सभी शहरी सेवाएं घर बैठे, समय पर और पारदर्शी रूप से मिलेंगी। उन्होंने कहा कि यह सुविधा शासन को लोगों के और पास लाएगी और अब शासन जनता के द्वार पर की सोच धरातल पर दिखेगी।

उन्होंने कहा, यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के विज़न पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन सरकार की मुहर है। इससे छत्तीसगढ़ में ऐसा सिस्टम बनेगा, जहां जनहित की सुविधाएं कागजों पर नहीं बल्कि डिजिटल माध्यम से घर बैठे भी मिलेंगी। नागरिकों को लगेगा कि सरकार सच में उनके द्वार पर है। उन्होंने कहा कि सेवाएं पारदर्शी होंगी, तकनीक जनकल्याण का साधन बनेगी और छत्तीसगढ़ डिजिटल सुशासन का एक आदर्श उदाहरण बनकर देश में नई पहचान बनाएगा।

सभी कर ऑनलाइन जमा होंगे

ई-गवर्नेस प्रणाली से लोग अपने मोबाइल या कम्प्यूटर से प्रत्येक सेवा का लाभ ले सकेंगे। संपत्ति कर, जल कर, व्यापार कर और ठोस अपशिष्ट शुल्क जैसी सभी देनदारियां ऑनलाइन जमा की जा सकेंगी। नागरिकों को बैंक, यूपीआई, वॉलेट या नेट-बैंकिंग जैसे माध्यमों से त्वरित भुगतान की सुविधा मिलेगी, जिससे राज्य के राजस्व संग्रह में वृद्धि होगी।

एआई और डेटा एनालिटिक्स का भी उपयोग

ई-गवर्नेंस परियोजना में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और डेटा एनालिटिक्स का भी उपयोग किया जाएगा। यह प्रणाली नागरिकों के शिकायतों के पैटर्न का विश्लेषण कर संभावित समस्याओं का पूर्वानुमान लगाएगी और अधिकारियों के प्रदर्शन का आंकलन करेगी। इससे नीतिगत निर्णयों में सटीकता आएगी और शहरी निकायों का संचालन ’’स्मार्ट गवर्नेस’’ के स्तर पर पहुंचेगा।